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ये सिर्फ विज्ञापन के टैगलाइन नहीं हैं, बल्कि ये वो आवाजें हैं जो करोड़ों भारतीयों की जिंदगी का हिस्सा बन गईं. और इन सभी यादगार आवाजों के पीछे एक ही नाम है - पीयूष पांडे. विज्ञापन की दुनिया के इस जादूगर ने आज भले ही अपने पद से संन्यास ले लिया हो, लेकिन उनके बनाए विज्ञापन हमेशा हमारी यादों में ताजा रहेंगे.

1. हमारा बजाज (Humara Bajaj)

90 के दशक में, यह सिर्फ एक स्कूटर का विज्ञापन नहीं था, बल्कि यह पूरे भारत की धड़कन थी. 'हमारा बजाज' ने एक स्कूटर को पूरे देश की पहचान और गर्व से जोड़ दिया. विज्ञापन में एक मध्यमवर्गीय भारतीय परिवार को बजाज स्कूटर पर खुशी-खुशी जाते हुए दिखाया गया था, जिसने हर भारतीय के दिल को छू लिया. यह अभियान आज भी देश के सबसे सफल विज्ञापनों में गिना जाता है.

2. कैडबरी - 'कुछ खास है' (Cadbury - 'Kuch Khaas Hai')

एक समय था जब चॉकलेट सिर्फ बच्चों की चीज मानी जाती थी. पीयूष पांडे ने कैडबरी के विज्ञापन में एक लड़की को क्रिकेट मैच के बीच मैदान में खुशी से नाचते हुए दिखाकर इस सोच को हमेशा के लिए बदल दिया. इस एक विज्ञापन ने कैडबरी को हर उम्र के लोगों, हर खुशी के मौके का हिस्सा बना दिया.

3. फेविकोल (Fevicol)"ये फेविकोल का मजबूत जोड़ है, टूटेगा नहीं!" पीयूष पांडे ने अपनी रचनात्मकता से फेविकोल जैसे 'बोरिंग' प्रोडक्ट को भी मजेदार बना दिया. कभी इंसानी पिरामिड तो कभी खचाखच भरी बस की छत पर बैठे लोग, उनके विज्ञापनों ने फेविकोल को मजबूती का सबसे बड़ा पर्याय बना दिया.

4. मिले सुर मेरा तुम्हारा (Mile Sur Mera Tumhara)

यह सिर्फ एक विज्ञापन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता का एक गीत था. इस गाने में देश के कोने-कोने से आए गायकों, खिलाड़ियों और अभिनेताओं को एक साथ लाकर पांडे ने 'अनेकता में एकता' की भावना को खूबसूरती से पिरोया था. यह आज भी लोगों की जुबान पर है.

अबकी बार मोदी सरकार (Abki Baar Modi Sarkar)

राजनीतिक विज्ञापनों को एक नया आयाम देते हुए, पीयूष पांडे ने 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी का यह नारा तैयार किया. यह नारा इतना प्रभावशाली और आकर्षक था कि यह चुनाव का सबसे बड़ा नारा बन गया और बीजेपी की ऐतिहासिक जीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

पीयूष पांडे ने यह साबित कर दिया कि विज्ञापन सिर्फ सामान बेचने का जरिया नहीं, बल्कि लोगों की भावनाओं को छूने और उन्हें एक साथ लाने की एक कला है.