
Up Kiran, Digital Desk: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यह साफ कर दिया है कि भारत को 'विकसित भारत' बनाने की यात्रा में 'पीएम गति शक्ति योजना' ही सबसे बड़ी नींव का काम कर रही है। उनका मानना है कि यह योजना देश में लॉजिस्टिक्स यानी माल ढुलाई की लागत को कम करने और विकास की गति को तेज करने की एक अहम चाबी है।
गोयल ने कहा कि जब 2021 में इस योजना को लॉन्च किया गया था, तो यह सिर्फ एक डिजिटल प्लेटफॉर्म नहीं था, बल्कि देश के पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (बुनियादी ढाँचे के विकास) को देखने का तरीका ही बदल गया। अब हर विभाग एक ही लक्ष्य को साधने के लिए मिलकर काम कर रहा है।
राष्ट्रीय सम्मेलन में पीयूष गोयल ने बताया, "आज हम देखते हैं कि इस प्लेटफॉर्म पर लगभग 2,246 डेटा लेयर, 32 सॉफ्टवेयर टूल और 1,468 परियोजनाओं का रियल टाइम डाटा उपलब्ध है। यह एक अद्भुत उपलब्धि है।" उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि 'पीएम गति शक्ति योजना' देश के इंफ्रास्ट्रक्चर की कमियों को दूर करने में बहुत प्रभावी साबित हुई है और इसके नतीजतन 1,500 करोड़ रुपये से ज़्यादा के फ़ंड को गलत जगह इस्तेमाल होने से बचाया जा सका है।
गोयल ने यह भी दावा किया कि पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान (NMP) की मदद से भारत में माल की आवाजाही (लॉजिस्टिक्स) पर आने वाला खर्च, जिसे GDP के 7.8% तक लाने का लक्ष्य रखा गया है, बहुत जल्द पूरा हो जाएगा।
यह योजना खासकर MSMEs (छोटे और मध्यम उद्यमों), स्टार्टअप्स और महिला उद्यमियों के लिए वरदान साबित हो रही है। मंत्री का मानना है कि 'विकसित भारत' का लक्ष्य सिर्फ़ 2047 तक आर्थिक विकास हासिल करना नहीं है, बल्कि देश के हर नागरिक की जिंदगी में सुधार लाना भी है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सभी स्टेकहोल्डर के साथ मिलकर सरकार इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।