
Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों कुछ पोस्टरों को लेकर माहौल गरमाया हुआ है। ये पोस्टर हैं "I love Muhammad" (मैं मुहम्मद से प्यार करता हूँ) लिखे हुए। इन पोस्टरों पर जब प्रशासन ने कार्रवाई करनी शुरू की, तो यह मामला एक बड़ा सियासी मुद्दा बन गया। और अब इस पूरे विवाद में AIMIM के अध्यक्ष, असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री हो गई है, जिन्होंने इस कहानी में एक बिल्कुल नया और तीखा मोड़ ला दिया है।
क्या कहा है ओवैसी ने?
असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार की इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए एक सीधी और चुभने वाली चुनौती दी है। एक रैली को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा, "अगर तुम्हें 'I Love Muhammad' लिखे हुए पोस्टर से इतनी ही दिक्कत है, तो मैं चुनौती देता हूँ, जाओ और 'I Love You, Asaduddin Owaisi' के पोस्टर लगाओ।"
इस एक बयान के गहरे मायने समझिए
यह सिर्फ एक बयान नहीं है, बल्कि एक बहुत बड़ा राजनीतिक दांव है। ओवैसी अपने इस बयान से कई निशाने साध रहे हैं:
सरकार की मंशा पर सवाल: ओवैसी का इशारा साफ है। वह पूछ रहे हैं कि सरकार को आखिर दिक्कत किस चीज़ से है - 'पोस्टर' से, 'प्यार' शब्द से, या फिर 'मुहम्मद' नाम से?
अभिव्यक्ति की आज़ादी का मुद्दा: उनका कहना है कि जब इस देश में लोग तरह-तरह के नारे और पोस्टर लगाते हैं, और अपनी पसंद-नापसंद ज़ाहिर करते हैं, तो फिर पैगंबर मुहम्मद से अपनी मोहब्बत का इज़हार करने में क्या गलत है? क्या यह किसी की अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला नहीं है?
ध्रुवीकरण का आरोप: ओवैसी यह भी आरोप लगा रहे हैं कि यह कार्रवाई एक खास समुदाय को निशाना बनाने के लिए की जा रही है, ताकि समाज में ध्रुवीकरण बढ़ाया जा सके। उन्होंने चुनौती देकर यह जताने की कोशिश की है कि अगर किसी और व्यक्ति के नाम का पोस्टर लगेगा, तो शायद कोई कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन जैसे ही बात पैगंबर मुहम्मद की आती है, तो सरकार को परेशानी होने लगती है।
यह कोई पहली बार नहीं है जब उत्तर प्रदेश की राजनीति में ओवैसी और योगी सरकार आमने-सामने आए हैं। लेकिन इस पोस्टर विवाद ने इस राजनीतिक लड़ाई को एक नया रूप दे दिया है। ओवैसी के इस एक बयान ने एक स्थानीय मुद्दे को राष्ट्रीय बहस का विषय बना दिया है और अब हर कोई यह देख रहा कि सरकार इस नई चुनौती का जवाब कैसे देती .