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Up Kiran, Digital Desk: रिश्वतखोरी के इल्जाम में जेल की सलाखों के पीछे बंद विधायक जयकृष्ण पटेल की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अब उनके खिलाफ एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है जो न केवल जनता के भरोसे को तार-तार करता है बल्कि सरकारी योजनाओं की नींव को भी हिला देने वाला मामला है।

जानकारी के मुताबिक पटेल ने वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ₹1.20 लाख की सरकारी सहायता राशि हासिल की थी मगर इस राशि को प्राप्त करने के लिए उन्होंने फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया। आवेदन में राशन कार्ड में खुद को विवाहित बताया गया जहाँ ‘कल्पना’ नामक महिला को पत्नी के रूप में दर्ज किया गया था। मगर 2023 के विधानसभा चुनाव और 2024 के उपचुनाव में दाखिल शपथ पत्रों में उन्होंने खुद को अविवाहित बताया जो सीधे तौर पर सरकारी योजना का गलत फायदा उठाने का प्रमाण है।

जांच में ये भी सामने आया है कि पटेल ने जिस मकान को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नया बताया वह उनका पुराना पुश्तैनी मकान निकला। जियो टैगिंग तकनीक के जरिए मकान की जगह की फोटो किसी दूसरी लोकेशन की लगाई गई ताकि सरकारी राशि हड़पने में आसानी हो सके। उनके दादा रमेशचंद्र और पिता जवाहरलाल दोनों सरकारी शिक्षक रहे हैं और परिवार के पास पहले से ही पक्का मकान मौजूद था।

फर्जीवाड़ा यहीं नहीं रुका। पटेल के परिवार ने वर्ष 2020 में दादी शांति देवी के नाम से भी इसी योजना का लाभ उठाया। इस आवेदन में पति के स्थान पर पिता का नाम दर्ज था फिर भी सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से राशि जारी कर दी गई।

पटेल की विवादित छवि केवल योजनाओं तक सीमित नहीं है। उनके खिलाफ खुलासे हुए हैं कि विधायक बनने से पहले उन्होंने सरकारी शिक्षक की नौकरी फर्जी डिग्री के आधार पर हासिल की। उन्होंने दावा किया था कि 2007-10 में मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी से नियमित पढ़ाई की जबकि बाद में 2011 में सिक्किम और 2012 में गुजरात की यूनिवर्सिटी से भी बीए की डिग्री ली। एक ही समय में तीन जगह से पढ़ाई संभव नहीं जिससे डिग्रियों की असलियत संदिग्ध हो जाती है।

इतना सब कुछ होने के बावजूद जयकृष्ण पटेल और उनका परिवार खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मुफ्त राशन का लाभ ले रहा है जबकि नियमों के मुताबिक सरकारी कर्मचारी इस योजना के दायरे में नहीं आते।

यह पूरा मामला दर्शाता है कि कैसे जयकृष्ण पटेल ने सरकारी तंत्र योजनाओं और अपने पद का दुरुपयोग कर अवैध धन कमाया और जनता के साथ विश्वासघात किया। अब जबकि रिश्वतखोरी का मामला पहले ही सामने आ चुका है और वह जेल में हैं ऐसे पुराने घोटाले उनके लिए और भी गंभीर कानूनी मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं।

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