Up kiran,Digital Desk : सर्दियों का मौसम अपने साथ सिर्फ ठंड और कोहरा ही नहीं लाता, बल्कि हमारे शरीर, खासकर दिल के लिए कई चुनौतियां भी लेकर आता है। आपने महसूस किया होगा कि ठंड में बीपी बढ़ना या सुस्ती आना आम बात है। दरअसल, तापमान गिरते ही हमारी नसें सिकुड़ने लगती हैं, जिससे दिल को खून पंप करने में ज्यादा जोर लगाना पड़ता है। यही वजह है कि सर्दियों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। प्रकृति ने हमें इस मौसम के लिए कुछ ऐसे तोहफे भी दिए हैं, जो हमें बीमारियों से बचा सकते हैं। मशहूर हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. विमल छाजेड़ (साओल हार्ट सेंटर) और एक्ट्रेस भाग्यश्री ने ऐसे ही एक 'सुपरफ्रूट' के बारे में बताया है, जिसे हम और आप 'जापानी फल' या 'अमरफल' के नाम से जानते हैं। आइए, आसान भाषा में जानते हैं कि क्यों इस फल को सर्दियों का 'अमृत' कहा जाता है
सर्दियां शुरू होते ही बाजार में लाल और संतरी रंगों के फल दिखने लगते हैं। इन्ही में एक फल है 'पर्सिमन' (Persimmon), जिसे हम हिंदी में 'अमलोक', 'जापानी फल' या 'अमरफल' के नाम से जानते हैं। यह दिखने में टमाटर जैसा गोल और नारंगी होता है, लेकिन स्वाद में इतना मीठा कि पके हुए आम की याद दिला दे। एम्स के पूर्व डॉक्टर और कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विमल छाजेड़ मानते हैं कि अगर सर्दियों में अपने दिल को जवां और सेहतमंद रखना है, तो इस फल का कोई मुकाबला नहीं है।
छोटा फल, बड़ा धमाका: 100 ग्राम में सेहत का खजाना
यह फल सिर्फ स्वाद नहीं, बल्कि पोषक तत्वों का पावरहाउस है। अगर आप 100 ग्राम अमलोक खाते हैं, तो आपको विटामिन सी, फाइबर और कैल्शियम तो मिलता ही है, साथ ही लाइकोपीन और बीटा-कैरोटीन जैसे तत्व भी मिलते हैं जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं। इसमें फैट बहुत कम होता है और कैलोरी (लगभग 118) इतनी होती है जो आपको एनर्जी दे सके।
हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को करता है कम
इस फल की सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह आपके दिल का सच्चा साथी है। रिसर्च बताती है कि इसे खाने से बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर कम होने लगता है। इसमें मौजूद 'नाइट्रिक ऑक्साइड' सिकुड़ी हुई नसों को खोलता है, जिससे खून का प्रवाह (Blood Flow) पूरे शरीर में आसानी से होता है। यह नसों में सूजन (Swelling) को भी कम करता है।
कोलेस्ट्रॉल का करता है सफाया
हम जो भी उल्टा-सीधा खाते हैं, वो कोलेस्ट्रॉल बनकर हमारी नसों को जाम करने लगता है। अमलोक में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स (जैसे- फ्लेवोनोइड्स) होते हैं, जो खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को घटाने में मदद करते हैं। यानी नसों में ब्लॉकेज बनने का डर काफी हद तक कम हो जाता है।
शुगर के मरीज भी खा सकते हैं बेझिझक
अक्सर डायबिटीज के मरीज मीठे फलों से डरते हैं। लेकिन अमलोक के साथ अच्छी बात यह है कि मीठा होने के बावजूद यह नुकसान नहीं करता (बशर्ते इसे सीमित मात्रा में खाया जाए)। यह शुगर को खून में धीरे-धीरे घोलता है और कार्ब्स को पचाने में मदद करता है।
आंखों की रोशनी और पेट की सेहत
सर्दी-जुकाम और एलर्जी इस मौसम में आम बात है। चूंकि यह फल विटामिन सी से भरपूर है, यह आपकी इम्यूनिटी को लोहे जैसा मजबूत कर देता है। इसके अलावा, अगर आपको चश्मा लगा है या आंखों की रोशनी कमजोर है, तो इसका विटामिन ए और ल्यूटिन आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा। फाइबर से भरपूर होने के कारण यह पेट को भी साफ़ रखता है।
खाने का सही तरीका क्या है?
इसे खाते वक्त एक छोटी सी सावधानी रखनी जरूरी है। कच्चा अमलोक खाने में कसैला और कड़वा लग सकता है। इसलिए, हमेशा इसे अच्छी तरह पकने के बाद ही खाएं, तभी यह मीठा और रसीला लगेगा। आप दिन भर में एक फल खा सकते हैं।
हालांकि, यह फल बाजार में थोड़ा महंगा मिलता है और अभी हर जगह उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसकी खूबियों को देखते हुए, सेहत पर किया गया यह खर्च कतई बेकार नहीं जाएगा।
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