
Up Kiran, Digital Desk: जम्मू-कश्मीर में बाबा बर्फानी की पवित्र अमरनाथ यात्रा अगले सप्ताह से शुरू होने जा रही है। इस वार्षिक तीर्थयात्रा को सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए अधिकारियों ने व्यापक और बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है। खासकर हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुई आतंकी घटनाओं के बाद, सुरक्षा एजेंसियों ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कमर कस ली है।
अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्रियों के लिए अभेद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टुकड़ियों को तैनात किया गया है। यात्रा के मार्गों, आधार शिविरों और मंदिर परिसर के आसपास कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
सुरक्षा व्यवस्था के मुख्य बिंदु:
बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा: यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई स्तरों पर सुरक्षा घेरा बनाया गया है, जिसमें नियमित गश्त, चेकपोस्ट और संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त तैनाती शामिल है।
ड्रोन निगरानी: पूरे यात्रा मार्ग, विशेषकर दुर्गम पहाड़ी इलाकों में, ड्रोन के जरिए लगातार हवाई निगरानी की जाएगी ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत नज़र रखी जा सके।
आरपीफ और सीआरपीएफ की तैनाती: रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के हजारों जवानों को यात्रा मार्गों और बेस कैंपों पर तैनात किया गया है।
पहचान प्रणाली: यात्रा में शामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं का उचित पंजीकरण और पहचान जांच की जा रही है।
संचार और समन्वय: सभी सुरक्षा एजेंसियों और नागरिक प्रशासन के बीच बेहतर संचार और समन्वय सुनिश्चित किया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके।
स्वास्थ्य और बचाव: यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा दल और बचाव टीमें भी तैयार रखी गई हैं।
यह पवित्र यात्रा कश्मीर घाटी के पहलगाम और बालटाल मार्गों से होकर गुजरती है, जो अपनी दुर्गमता और सुरक्षा चुनौतियों के लिए जाने जाते हैं। हर साल लाखों श्रद्धालु अमरनाथ गुफा में हिम शिवलिंग के दर्शन करने आते हैं।
अधिकारियों ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सुरक्षा दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें और प्रशासन का सहयोग करें। यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं कि यह यात्रा शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सके।
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