img

Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका जल्द ही पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM मिसाइल की सप्लाई शुरू करने वाला है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने हाल ही में इसकी आधिकारिक पुष्टि की है। इस सौदे में पाकिस्तान के साथ कई अन्य देशों का नाम भी शामिल है। अमेरिकी रक्षा कंपनी रेथियॉन को 4.16 करोड़ डॉलर के नए आदेश के साथ कुल मिलाकर 2.51 अरब डॉलर से अधिक का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। यह मिसाइल पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमानों के लिए है और इससे क्षेत्रीय सुरक्षा पर असर पड़ सकता है।

AMRAAM मिसाइल क्या है और क्यों है खास?

AIM-120 AMRAAM एक अत्याधुनिक एयर-टू-एयर मिसाइल है जो लंबी दूरी से दुश्मन के विमानों को मार गिराने की क्षमता रखती है। पाकिस्तान की वायुसेना के पास इसका C5 वर्जन पहले से मौजूद है। अब यह नया ऑर्डर C8 और D3 मॉडल के उत्पादन के लिए है, जो और भी अधिक रेंज और सटीकता के साथ आते हैं। यह मिसाइल भारत-पाक के बीच 2019 के बाद से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, खासकर बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद हुए हवाई संघर्षों में।

सैन्य तनाव और आम लोगों की सुरक्षा: क्या बदलेगा?

2019 के बाद से दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव लगातार बना हुआ है। खासकर फरवरी 2019 में भारत के बालाकोट हमले के बाद पाकिस्तान ने F-16 विमानों से AMRAAM मिसाइल का इस्तेमाल किया था। हाल ही में मई 2023 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था। इन घटनाओं के बीच अब अमेरिका का यह नया हथियार सौदा क्षेत्र में सैन्य ताकत के संतुलन को और बदल सकता है।

यह हथियार सौदा ऐसे समय पर हुआ है जब अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंध धीरे-धीरे सुधार की तरफ बढ़ रहे हैं। पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता को सराहा और उनके नाम को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी नामित किया। इस बदलाव का असर क्षेत्रीय शांति और आम नागरिकों की सुरक्षा पर भी पड़ सकता है।

कितनी मिसाइलें मिलेंगी? और क्या है समय सीमा?

अमेरिकी रक्षा विभाग ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि पाकिस्तान को कितनी AIM-120 मिसाइलें मिलेंगी। अनुमान यह लगाया जा रहा है कि यह सौदा पाकिस्तान के F-16 विमानों के आधुनिकीकरण के तहत आता है। पूरे प्रोजेक्ट की डिलीवरी मई 2030 तक पूरी हो जाएगी। इस दौरान कई अन्य देशों को भी मिसाइलें मिलेंगी, जिनमें यूके, पोलैंड, जर्मनी, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कतर, ओमान, कोरिया, जापान, इजरायल, और तुर्की शामिल हैं।