Up Kiran, Digital Desk: क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों अनंत चतुर्दशी को इतना श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है? यह पर्व न केवल गणेशजी की पूजा का समापन है, बल्कि शास्त्रों में इस दिन का विशेष स्थान है। आज हम जानेंगे अनंत चतुर्दशी की कथा, गणेश विसर्जन का मुहूर्त, अनंत पूजा, तथा आज के पंचांग के अनुसार महत्वपूर्ण बातें। साथ ही समझेंगे कि गणपति विसर्जन 2025 के लिए सही समय क्या होगा।
अनंत चतुर्दशी की कथा: एक दिव्य कहानी
अनंत चतुर्दशी को क्यों मनाया जाता है, इसकी पौराणिक कथा बेहद रोचक है। कहावत है कि इस दिन भगवान विष्णु ने एक ब्राह्मण को ऐसा वरदान दिया, जिसके कारण वह अनंत तक जीवित रह सके। यह अनंत ब्राह्मण अपनी अपार भक्ति से भगवान विष्णु को प्रसन्न करता रहा। वहीं, दूसरी कथा में गणेशजी की अनंत शरण में आने की बात कही गई है। यही कारण है कि इस दिन अनंत की पूजा विशेष महत्व रखती है।
गणपति विसर्जन का महत्त्व और देर कब?
गणपति जी के दस दिनों के उत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी को होता है। लेकिन फिर सवाल यह उठता है कि गणेश विसर्जन का मुहूर्त कब है? गणपति विसर्जन के लिए सही समय बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। नववर्ष 2025 में गणेश विसर्जन का सबसे शुभ मुहूर्त 12 सितंबर को शाम के समय पड़ेगा। इस समय पवित्रता और मंगलकामना दोनों बनी रहेंगी। गणपति विसर्जन का मुहूर्त व्यावहारिकता और धार्मिक अनुष्ठान दोनों के लिए महत्त्वपूर्ण होता है।
अनंत पूजा: अनंत बल का आह्वान
अनंत पूजा को कई लोग गणपति विसर्जन के बाद भी मनाते हैं। यह पूजा अनंत देवता की आराधना के रूप में होता है, जो हमारे जीवन में असीम शक्ति और सुगम मार्ग प्रदान करता है। अनंत पूजा में मंत्रों का उच्चारण और अष्टमी, नवमी के बाद इस दिन विशेष अनुष्ठान होते हैं।
अनंत चतुर्थी और चौरासी कलश: क्या है संबंध?
अनंत चतुर्थी और अनंत चतुर्दशी में अक्सर भ्रम होता है, लेकिन दोनों में अंतर स्पष्ट है। अनंत चतुर्थी मुख्य रूप से विष्णु जी के लिए होता है, जहां 84 कलशों का पूजन होता है। वहीं, अनंत चतुर्दशी गणेशजी की पूजा और विसर्जन का पर्व है। यह दोनों त्योहार मिलकर हमारे सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जीवन को समृद्ध करते हैं।
2025 का गणपति विसर्जन मुहूर्त: कैसे जानें सही समय?
हर वर्ष पंचांग के अनुसार गणपति विसर्जन का समय बदलता रहता है। 2025 का पंचांग बताते हैं कि 12 सितंबर की शाम को का समय सबसे उचित रहेगा। आप स्थानीय पंचांग या ज्योतिष से भी समय की पुष्टि कर सकते हैं। विसर्जन के समय पर खरा अमल करने से पूजा में विश्वास और शांति दोनों मिलती हैं।
आज का पंचांग: दिन भर के महत्वपूर्ण तथ्य
6 सितंबर 2025 के पंचांग के अनुसार आज श्रवण नक्षत्र, कर्क राशि का वास है। दिन का शुभकाल प्रातः और संध्या दोनों स्थितियों में हैं। इसके अलावा, सूर्योदय और चंद्रग्रहण के योग की जानकरी भी पंचांग के आधार पर स्पष्ट की जा सकती है। ऐसे पंचांग ज्ञान से पूजा और अनुष्ठानों का प्रभाव बढ़ता है।
गणपति विसर्जन के बाद घर में शांति कैसे बनाए रखें?
गणपति जी के पावन विसर्जन के बाद कई लोग सोचते हैं कि कैसे घर में सकारात्मक ऊर्जा कायम रखें। इसके लिए आप घर में तुलसी और ध्यान के महत्व को समझें। इसके अलावा, धूप और अगरबत्ती से घर में मंगलमय वातावरण बनाएं। अनंत चतुर्दशी के बाद यह बहुत जरूरी होता है ताकि पूजा का आशीर्वाद निरंतर बना रहे।
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