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Up Kiran, Digital Desk: अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में रोजाना हजारों जायरीन आते हैं। बुधवार सुबह अचानक दरगाह खाली करा दी गई। वजह थी एक ईमेल जिसमें दरगाह, कलेक्ट्रेट और जयपुर हाईकोर्ट बेंच को बम से उड़ाने की धमकी दी गई। बाहर निकाले गए लोग घंटों सड़क पर खड़े रहे। कई बुजुर्ग और बच्चे परेशान दिखे। शादी के लिए आए कुछ जोड़े भी बीच में फंस गए।

सुबह-सुबह मचा हड़कंप, सबको बाहर निकाला

सुबह करीब दस बजते-बजते खबर फैल गई। दरगाह के मुख्य गेट बंद कर दिए गए। खादिमों ने माइक पर ऐलान किया कि सब तुरंत बाहर निकलें। कलेक्ट्रेट में काम कर रहे लोग अपना सामान छोड़कर भागे। वहां चल रही एक अहम सरकारी मीटिंग को छोड़कर बाकी पूरा परिसर खाली कराया गया। जयपुर हाईकोर्ट बेंच में तो सुबह आठ बजे से ही तलाशी शुरू हो गई थी। वकील और कर्मचारी बाहर खड़े होकर इंतजार करते रहे।

धमकी देने वाला खुद को बताया तमिल टाइगर्स का साइबर विंग

ईमेल में लिखा था कि दरगाह और कलेक्ट्रेट में चार आरडीएक्स बम लगाए गए हैं। खुद को “पूर्व तमिल टाइगर्स” और टीएनएलए नेता एस मारन का साइबर गुरिल्ला ग्रुप बताया। मेल में अजीबोगरीब दावे थे – ISI और DMK के साथ मिलकर नया द्रविड़ राज्य बनाने की बात, अजमेर को ब्राह्मणों का पावर सेंटर बताना और कलेक्टर ऑफिस उड़ाने को “इंजीनियरिंग का चमत्कार” कहना।

यह दूसरी बार है जब 4 दिसंबर के बाद फिर वैसा ही मेल आया।

जयपुर हाईकोर्ट को एक महीने में पांचवीं धमकी

जयपुर बेंच के लिए यह नई बात नहीं रही। पिछले डेढ़ महीने में पांचवीं बार ऐसा मेल आया। हर बार बम डिटेक्शन टीम, डॉग स्क्वॉड और एटीएस ने पूरी बिल्डिंग खंगाली लेकिन कुछ नहीं मिला। फिर भी हर बार कोर्ट परिसर में घंटों काम ठप हो जाता है। वकीलों का कहना है कि बार-बार ऐसी धमकियां आने से कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

साइबर सेल को सौंपी जांच, एक ही पैटर्न के मेल

पुलिस का मानना है कि सारे मेल एक ही ग्रुप या व्यक्ति की करतूत हैं। IP एड्रेस और सर्वर की जांच चल रही है। अधिकारी इसे संगठित साइबर हमले की तरह देख रहे हैं। फिलहाल अजमेर और जयपुर में अतिरिक्त फोर्स तैनात है। दरगाह फिर से खोल दी गई है लेकिन जायरीनों की संख्या काफी कम रही। लोग डरे हुए हैं।

आम लोग बोले – बार-बार धमकी से जीना मुश्किल

दरगाह के बाहर खड़े एक जायरीन ने कहा, “हम दूर-दूर से मननत मांगने आते हैं, लेकिन अब डर लगता है।” कलेक्ट्रेट आने वाले लोग भी परेशान हैं। शादी का रजिस्ट्रेशन, जाति प्रमाण पत्र जैसे जरूरी काम रुक गए। सब बस यही दुआ कर रहे हैं कि ये धमकियां सिर्फ डराने तक सीमित रहें।