
Up Kiran, Digital Desk: भारत के कॉर्पोरेट जगत से एक सनसनीखेज ख़बर सामने आई है। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate - ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के एक बड़े और जटिल मामले में अनिल अंबानी समूह (Anil Ambani Group) के एक शीर्ष कार्यकारी (Executive) अशोक कुमार (Ashok Kumar) को गिरफ्तार कर लिया है। अशोक कुमार समूह के भीतर अनिल अंबानी के सबसे खास और विश्वसनीय व्यक्तियों में से एक माने जाते थे।
यह गिरफ्तारी केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अनिल अंबानी के पूरे व्यापार समूह (Reliance Group) के लिए एक बड़ा झटका है, खासकर ऐसे समय में जब यह समूह पहले ही कई कानूनी और वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहा है।
क्या है मनी लॉन्ड्रिंग का मामला: प्रवर्तन निदेशालय (ED) लंबे समय से अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों के कुछ लेन-देन पर नज़र बनाए हुए था। ईडी को संदेह है कि कई संदिग्ध लेन-देन और वित्तीय हेर-फेर हुए हैं जो मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत आते हैं।
यह मामला मुख्य रूप से फंड के गलत इस्तेमाल, संदिग्ध निवेश और कुछ वित्तीय लेनदेन से जुड़ा हो सकता है, जो कागज़ी रूप से सही दिखाने की कोशिश की गई थी, जबकि अशोक कुमार का कंपनी के अंदर की फंडिंग से जुड़े महत्वपूर्ण फैसलों में बड़ी भूमिका रही थी।
गिरफ्तार किए गए अशोक कुमार रिलायंस ग्रुप (Reliance Group) में एक बेहद ही वरिष्ठ कार्यकारी पद पर थे और उन्हें सीधे अनिल अंबानी के साथ काम करने वाले प्रमुख लोगों में गिना जाता था। उनकी गिरफ्तारी से न सिर्फ ग्रुप की कानूनी लड़ाई पर, बल्कि आने वाले समय में इसके फैसलों और दिन-प्रतिदिन के कामों पर भी बड़ा असर पड़ सकता है।
ईडी (ED) का यह कदम इस बात का संकेत है कि वह मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक अपराधों पर सख्ती से जांच जारी रखेगा, भले ही मामला कितना ही हाई-प्रोफाइल क्यों न हो। अब उम्मीद यही है कि ईडी उनसे पूछताछ करके उन पूरे लेन-देन और फ़ंडिंग के नेटवर्क की जाँच करेगी जो कथित तौर पर गलत तरीके से उपयोग किए गए थे।