Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की गई है, जिसने सरकारी तंत्र की पारदर्शिता पर सवाल उठाने वालों को संदेश दिया है। इस कार्रवाई में झांसी से आई विजिलेंस टीम ने कदौरा ब्लॉक की महिला खंड विकास अधिकारी (BDO) प्रतीमा शाक्य को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। यह पूरी कार्रवाई गोपनीय जांच के बाद की गई, जिसमें 14 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम शामिल थी।
ठेकेदार की शिकायत से हुआ खुलासा
इस घोटाले का खुलासा एक ठेकेदार की शिकायत पर हुआ। शिकायत में ठेकेदार ने बताया कि उसकी कंपनी "विधान सिद्धार्थ कॉन्ट्रैक्टर एंड सप्लायर्स" ने जूनियर स्कूल सड़क (इंटरलॉकिंग रोड) का निर्माण कार्य पूरा किया था, लेकिन उसकी अंतिम किश्त की राशि, जो कि 8,78,262 रुपये थी, रोक दी गई थी।
शिकायतकर्ता के अनुसार, महिला अधिकारी प्रतीमा शाक्य ने उस अंतिम किश्त को जारी करने के बदले एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग की। ठेकेदार ने यह राशि देने से इनकार किया और महिला अधिकारी को पकड़वाने का फैसला किया। इसके बाद विजिलेंस विभाग ने एक गुप्त जांच शुरू की, जिसमें सभी आरोपों की पुष्टि हुई।
योजनाबद्ध तरीके से हुई गिरफ्तारी
10 दिसंबर को पूरी तरह से तैयार होकर विजिलेंस टीम ने एक ट्रैप कार्रवाई की। जैसे ही बीडीओ प्रतीमा शाक्य ने तय की गई राशि 1 लाख रुपये स्वीकार की, टीम ने तुरंत उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस पूरी कार्रवाई में मौके से रिश्वत की रकम भी बरामद की गई। इसके बाद आरोपी अधिकारी को पुलिस के हवाले कर दिया गया और कदौरा थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया।
भ्रष्टाचार पर कड़ी नजर
विजिलेंस विभाग के एक उच्चाधिकारी ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि शिकायत मिलने के बाद पूरी गोपनीय जांच की गई, जिसके बाद बीडीओ की गिरफ्तारी की गई। उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह के भ्रष्टाचार के मामलों में कड़ी कार्रवाई लगातार जारी रहेगी और दोषी अधिकारियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
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