Up kiran,Digital Desk : झारखंड के लोगों की जेब पर बड़ा बोझ पड़ने वाला है। झारखंड बिजली वितरण निगम (JBVNL) ने बिजली की दरों में एक-दो परसेंट नहीं, बल्कि सीधे 59% की भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई, तो 2026-27 से आपका बिजली का बिल लगभग डेढ़ गुना तक बढ़ सकता है।
आखिर इतनी बड़ी बढ़ोतरी की वजह क्या है?
दरअसल, बिजली विभाग पर हज़ारों करोड़ रुपए का घाटा है। JBVNL का कहना है कि 2023-24 तक उस पर लगभग 4991 करोड़ का पुराना घाटा है। विभाग को अपना कामकाज चलाने के लिए कुल 15,584 करोड़ रुपये की ज़रूरत है, जबकि मौजूदा दरों से उसे सिर्फ 9794 करोड़ रुपये ही मिल पा रहे हैं।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दिया है कि बिजली विभाग अपने इस घाटे को अगले तीन सालों के अंदर खत्म करे। इसी घाटे की भरपाई करने के लिए JBVNL ने आम जनता पर बोझ डालने का यह प्रस्ताव तैयार किया है।
दूसरे राज्यों के मुकाबले झारखंड में क्या है अलग?
विभाग ने अपने प्रस्ताव में यह भी बताया है कि कई राज्यों में बिजली की दरें झारखंड से ज़्यादा हैं। साथ ही, बिहार, यूपी और दिल्ली जैसे ज़्यादातर राज्यों में फिक्स्ड चार्ज 'प्रति किलोवाट' के हिसाब से लगता है, जबकि झारखंड में यह 'प्रति कनेक्शन' के आधार पर लिया जाता है। बिजली की नई दरें तय करते समय आयोग इन सभी बातों पर विचार करेगा।
5 साल में 3 बार पहले भी बढ़ चुके हैं दाम
यह कोई पहली बार नहीं है। पिछले पांच सालों में झारखंड में तीन बार बिजली के दाम बढ़ाए जा चुके हैं।
- 2025-26 में 6.34% की बढ़ोतरी हुई।
- 2023-24 में 7.66% दाम बढे़।
- 2021-22 में भी 6.50% की बढ़ोतरी हुई थी।
प्रीपेड मीटर वालों के लिए ज़रूरी सूचना
जिन लोगों के घर में प्रीपेड मीटर लगा है, उन्हें ध्यान रखना होगा कि उनके मीटर में हमेशा बैलेंस रहे। बैलेंस खत्म होते ही बिजली अपने आप कट जाएगी और दोबारा रिचार्ज करने पर ही चालू होगी। अगर कभी रिचार्ज के बाद भी बिजली न आए, तो आप अपने नज़दीकी बिजली दफ्तर में इसकी शिकायत कर सकते हैं।
अब देखना यह है कि झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (JSERC) इस 59% की बढ़ोतरी वाले प्रस्ताव पर क्या फैसला लेता है।
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