Up Kiran, Digital Desk: जहाँ एक तरफ हम अपनी भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में अक्सर वन्यजीवों (Wildlife) और उनके प्राकृतिक आवासों (Natural habitats) के बारे में चिंता करते हैं, वहीं गुजरात से एक ऐसी ख़बर आई है जिसने सबका दिल जीत लिया है! गुजरात में पूरे 32 साल बाद (after 32 years) एक रॉयल बंगाल टाइगर (Royal Bengal Tiger) को देखा गया है, और तो और, उसने अब इसी इलाके में अपना डेरा डाल लिया है! ये सचमुच एक अद्भुत घटना है जो हमें दिखाती है कि अगर हम अपनी कुदरत को मौका दें तो वह कैसे हमें चौंका सकती है.
ये टाइगर कहां दिखा और क्यों ख़ास है ये घटना?
ये 'जंगल का राजा' गुजरात के पूर्वी आदिवासी ज़िले महिसागर में दिखा है. 1990 के दशक में भी महिसागर ज़िले से सटे कुछ वन क्षेत्रों में एक टाइगर देखा गया था, लेकिन उसके बाद से गुजरात में कभी किसी टाइगर की मौजूदगी दर्ज नहीं की गई थी.
- लंबा इंतज़ार: सोचिए ज़रा, तीन दशकों से भी ज़्यादा समय के बाद इस विशाल और शाही जानवर को फिर से अपनी धरती पर देखना, गुजरात के वन विभाग (Gujarat Forest Department) और पर्यावरण प्रेमियों (Environmentalists) के लिए किसी सपने से कम नहीं है.
- पुष्टि और प्रमाण: ख़बरों के मुताबिक, वन विभाग के अधिकारियों ने इस टाइगर की पुख़्ता जानकारी कैमरे के 'फुटप्रिंट' (Pugmark) और अन्य डिजिटल साक्ष्यों के ज़रिए की है.
यह सिर्फ़ एक टाइगर नहीं, ये एक उम्मीद है!
यह घटना गुजरात के वन क्षेत्रों (Forest areas) और वहां की जैव विविधता (Biodiversity) के लिए बहुत शुभ संकेत है. इसका मतलब ये हो सकता है कि अब ये इलाके धीरे-धीरे टाइगर के रहने लायक बन रहे हैं और यहाँ की पर्यावरण प्रणाली (Ecosystem) भी बेहतर हो रही है.
- पर्यावरण के लिए अच्छा: टाइगर का लौटना दिखाता है कि इलाके में शिकारियों की संख्या कम हुई है और उनके लिए पर्याप्त भोजन (Food source) उपलब्ध है.
- संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा: यह खबर गुजरात में वन्यजीव संरक्षण (Wildlife conservation) के प्रयासों को और बढ़ावा देगी. इससे इस बात पर ज़ोर दिया जाएगा कि ऐसे अनमोल वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित वातावरण कैसे बनाया जाए.
- पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा: हो सकता है कि भविष्य में इससे इन क्षेत्रों में इको-टूरिज्म (Eco-tourism) को भी बढ़ावा मिले, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और राजस्व मिल सके.
तो, 32 साल बाद अपने नए घर में बस रहे इस 'रॉयल मेहमान' का हम दिल से स्वागत करते हैं! यह खबर उन सभी के लिए एक बड़ी जीत है जो पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं. यह बताता है कि पृथ्वी को बचाने के हमारे प्रयास सचमुच काम कर रहे हैं!
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