
Up Kiran, Digital Desk: GST काउंसिल ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू होने के बाद से अब तक के सबसे बड़े सुधारों में से एक की घोषणा की है। 22 सितंबर, 2025 से, भारत एक सरल, दो-स्लैब वाली प्रणाली की ओर बढ़ जाएगा
जिसमें 5% और 18% की दरें होंगी। इसके साथ ही, लग्जरी और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक (सिन गुड्स) वस्तुओं पर 40% की एक विशेष दर लागू होगी।
सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि दूध, पनीर और रोटी जैसी रोजमर्रा की जरूरी चीजों को टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया गया है। इसके अलावा, बीमा को भी टैक्स-फ्री कर दिया गया है, और घर बनाने एवं खेती-किसानी से जुड़े उपकरणों की लागत भी कम की जा रही है।
लेकिन जब भी कोई बड़ा बदलाव होता है, तो मन में कई सवाल भी उठते हैं। असल में क्या सस्ता हो रहा है? किन चीजों के दाम पहले जैसे ही रहेंगे?
अगर आपने किसी चीज के लिए एडवांस पेमेंट कर दिया है, तो उसकी बिलिंग कैसे होगी? और यात्रा, बीमा या ई-कॉमर्स जैसी सेवाओं का क्या होगा?
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