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Russia ukraine war: राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने कहा कि भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत में कम से कम 15 युवा जिन्हें रूसी सेना में धोखे से भर्ती कराया गया था, रिहा कर दिए गए। नेता के अनुसार, 15 में से पांच पंजाब से और एक हरियाणा से थे। उन्हें रूसी सेना ने रिहा कर दिया और वे आज रात घर लौट रहे हैं।

विक्रमजीत ने एक्स पर लिखा, "रूसी सेना से रिहा होने के बाद पंजाब के 4 सहित 15 भारतीय युवकों को रूस से वापस लाया जा रहा है। मैं मार्च 2024 से इस मुद्दे को उठा रहा हूं।"

रूसी सेना में भारतीय युवा

इस साल जनवरी में मीडिया में कुछ युवाओं को रूसी सेना में भर्ती किए जाने की खबर आने के बाद यह मामला प्रकाश में आया। बाद में विदेश मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि की, लेकिन सटीक संख्या नहीं बताई। हालांकि, राज्यसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सदस्यों को बताया कि करीब 80-90 भारतीयों को भर्ती किया गया है। उन्होंने कहा कि इन युवाओं को आकर्षक नौकरियों का झांसा देकर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूसी सेना के लिए लड़ने के लिए धोखा दिया गया था।

यह मामला राजनीतिक हलकों में गरमागरम मुद्दा बन गया, जहां विपक्षी नेताओं ने इसकी आलोचना की और साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जयशंकर से इस मुद्दे को रूसी अधिकारियों के समक्ष उठाने की अपील की। ​​मार्च में साहनी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर उनसे भारतीय नागरिकों की जल्द वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह भी किया था।  
 

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