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लखनऊ। लखनऊ वन मुख्यालय के बड़े-बड़े अफसर एसी कमरों में बैठे रहें। उधर, बहराइच के 
मोतीपुर रेंज के खपरा वन चौकी के पास 50 से ज्यादा बंदरों के शव मिलें। बताया जा रहा है कि उसे वन कर्मियों ने गुपचुप तरीके  से दफना दिया था। बंदरों के शवों की तस्वीरें कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो वन महकमे में हड़कम्प मच गया। मजे की बात यह है कि आज ही सीएम योगी आदित्यनाथ का पीलीभीत का दौरा है, जहां वह वन्य जीव संरक्षण और ईको पर्यटन विकास से जुड़ी वर्कशॉप का उदघाटन करेंगे। माना जा रहा है कि इस मामले में बड़ा एक्शन लिया जा सकता है। बरहहाल, डीएफओ ने जांच के लिए टीम गठित कर दी है।

मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद एक्शन में आए अफसर, पहले साधी थी चुप्पी

सोशल मीडिया पर इसको लेकर तीखी प्रतिक्रिया भी आ रही है। एक वन प्रेमी आरके सिंह ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि मोतीपुर रेंज के खपरा वन चौकी के पास बंदर मृत पाए गए थे। पर वन विभाग मीडिया रिपोर्ट के बाद एक्शन में आया है। यह भी कहा जा रहा है​ कि विभाग के अफसर इस मामले को दबाने की जुगत में जुटे थे। अब पोल खुलने के बाद छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। जांच टीम डॉग स्क्वायड की भी मदद ले रही है। ताकि बंदरों की हत्या के साक्ष्य जुटाए जा सकें। कहा जा रहा है कि बंदरों की मौत काफी पहले हो चुकी है। ऐसे में डॉग स्क्वाएड टीम को इसमें कितनी सफलता मिलेगी। यह कहना मुश्किल होगा।

वन महकमे के बड़े-बड़े अफसरों की उड़ी नींद

कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के मोतीपुर रेंज के खपरा वन चौकी के पीछे दर्जनों मृत पड़े बंदरों का मामला नैनिहा के ग्रामीणों ने वन चौकी को दी थी। उसके बाद भी उन पर कार्रवाई के बजाए शवों को दफना दिया गया और अब मामला मीडिया में आने के बाद डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है। वन महकमे के बड़े-बड़े अफसरों की नींदे उड़ी हुई हैं।

वन चौकी कर्मियों पर कार्रवाई की तैयारी

जानकारी के अनुसार, अब वन चौकी के कर्मियों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। बंदरों के शवों के मिलने और उन्हें दफनाने की सूचना नहीं देने का मामला बताया जा रहा है। कुछ दिनों पहले एक टाइगर की भी माौत की खबर आई थी ।बहरहाल, शासन स्तर से भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है।

 

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