Up Kiran, Digital Desk: बिहार की राजनीति में महागठबंधन के अंदर लगातार विवाद बढ़ते जा रहे हैं। अब कांग्रेस के भीतर भी टिकट वितरण को लेकर खुलकर असहमति सामने आई है। कई कांग्रेस नेता प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लवरु और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम पर टिकट बांटने में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि टिकट पैसों के आधार पर बांटे गए हैं। कांग्रेस के रिसर्च सेल के पूर्व अध्यक्ष और प्रवक्ता आनंद माधवन ने तो साफ कह दिया है कि बिहार में कांग्रेस का प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप नहीं होगा।
टिकट न मिलने वाले नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात को लेकर चिंता जताई कि पार्टी को इस तनाव का भारी नुकसान होगा। आनंद माधवन ने रिसर्च सेल से इस्तीफा भी दे दिया। उनके साथ गजानंद शाही, छत्रपति यादव, नागेंद्र प्रसाद और कई अन्य नेता मौजूद थे। खास बात यह है कि छत्रपति यादव को इस बार खगड़िया से टिकट नहीं मिला जबकि वे पिछली बार विधायक रहे हैं। उनकी जगह चंदन यादव को मैदान में उतारा गया है, जिन्होंने 2020 में हार का सामना किया था।
नेताओं का आरोप है कि राजेश राम, कृष्णा अल्लवरु और शकील अहमद खान मिलकर दलाली कर रहे हैं, जिससे पार्टी को नुकसान हो रहा है। महागठबंधन के दल महीनों से सीट बंटवारे पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन पहले चरण के चुनाव के नामांकन की अंतिम तारीख के बाद भी कोई अंतिम समझौता नहीं हो पाया है। गठबंधन के सभी दल अलग-अलग सीटों पर नामांकन दाखिल कर चुके हैं।
इसका असर यह हुआ है कि महागठबंधन के अंदर "फ्रेंडली फाइट" यानी एक ही सीट पर गठबंधन के दो या अधिक उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे वोट बंटने का खतरा है। इससे भारतीय जनता पार्टी को फायदा मिलने की संभावना बढ़ गई है। पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख करीब है, और गठबंधन दलों ने आश्वासन दिया है कि वे समस्या सुलझाने की कोशिश करेंगे।
मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर भी कोई सहमति नहीं बनी है। राजद ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया है, जबकि कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने उपमुख्यमंत्री पद की मांग की थी, जिससे गठबंधन में थोड़ी उलझन आई, लेकिन अंततः मामला सुलझा लिया गया।
इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने महागठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। झामुमो प्रमुख और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राजद ने बिहार में सीट बंटवारे में उनकी पार्टी की अनदेखी की है, इसलिए वे स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेंगे। झामुमो छह सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी।
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