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Up Kiran, Digital Desk: अगर आपकी उम्र 20, 30 या 40 साल है और आप हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आप शायद इसे अपनी खराब लाइफस्टाइल, तनाव या ज़्यादा नमक खाने का नतीजा मानकर चल रहे होंगे. लेकिन क्या हो अगर हम आपसे कहें कि असली गुनहगार आपके शरीर के अंदर छिपा एक हॉर्मोन हो सकता है? जी हाँ, एक नई और बेहद महत्वपूर्ण स्टडी ने इस बात का खुलासा किया है कि जवानी में होने वाले हाई ब्लड प्रेशर के पीछे अक्सर एक 'छिपा हुआ' हॉर्मोन डिसऑर्डर होता है, जिस पर किसी का ध्यान ही नहीं जाता.

यह स्टडी 'एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन' में छपी है और यह दुनिया भर के उन लाखों युवाओं के लिए एक चेतावनी है, जो हाई बीपी को हल्के में ले रहे हैं.

क्या है यह छिपा हुआ 'हॉर्मोन विलेन'?

इस हॉर्मोन की गड़बड़ी का नाम है 'प्राइमरी एल्डोस्टेरोनिज्म' (Primary Aldosteronism). आइए, इसे आसान भाषा में समझते हैं.

क्या होता है इसमें?: हमारी किडनी के ऊपर एड्रिनल नाम की ग्रंथियां होती हैं. ये 'एल्डोस्टेरोन' नाम का एक हॉर्मोन बनाती हैं. इस हॉर्मोन का काम शरीर में नमक और पानी का संतुलन बनाए रखना है. जब यह हॉर्मोन ज़रूरत से ज़्यादा बनने लगता है, तो शरीर में नमक की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर तूफानी रफ्तार से बढ़ने लगता है.

क्यों है यह इतना खतरनाक?: ज़्यादा एल्डोस्टेरोन सिर्फ बीपी ही नहीं बढ़ाता, बल्कि यह सीधे दिल और धमनियों को भी नुकसान पहुंचाता है, जिससे स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा सामान्य बीपी के मरीजों के मुकाबले कई गुना बढ़ जाता है.

स्टडी में क्या चौंकाने वाली बात सामने आई?

इस स्टडी को करने वाले शोधकर्ताओं ने हाई ब्लड प्रेशर वाले 1,000 से ज़्यादा मरीज़ों पर रिसर्च की. उन्होंने पाया कि:

जिन लोगों को 40 साल की उम्र से पहले हाई ब्लड प्रेशर हुआ, उनमें से लगभग 22% यानी हर 5 में से 1 मरीज़ में इसकी असली वजह 'प्राइमरी एल्डोस्टेरोनिज्म' थी.

यह आंकड़ा उन लोगों के मुकाबले दोगुना था, जिन्हें 40 की उम्र के बाद बीपी की समस्या हुई.

इटली की यूनिवर्सिटी ऑफ पडुआ के प्रोफेसर और इस स्टडी के मुख्य लेखक डॉ. जियान पाओलो रोसी ने कहा, "हमारे नतीजे बेहद चौंकाने वाले हैं. सालों से हम युवाओं में हाई बीपी के लिए गलत वजहों को दोष देते आ रहे थे, जबकि असली विलेन तो यह हॉर्मोन था."

डॉक्टर क्यों पकड़ नहीं पाते इसे?

सबसे बड़ी समस्या यह है कि ज़्यादातर डॉक्टर युवाओं में हाई बीपी की जांच करते वक्त इस हॉर्मोन डिसऑर्डर के बारे में सोचते ही नहीं हैं. वे इसे लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी मानकर दवाएं दे देते हैं, जो असली जड़ पर काम ही नहीं करतीं. इस हॉर्मोन की जांच के लिए एक खास ब्लड टेस्ट होता है, जो आमतौर पर नहीं कराया जाता.

अब आपको क्या करना चाहिए?

अगर आपकी उम्र कम है और आपको हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है, तो अपने डॉक्टर से इस 'प्राइमरी एल्डोस्टेरोनिज्म' की जांच के बारे में ज़रूर बात करें. इस बीमारी का इलाज संभव है. सही इलाज से न सिर्फ आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल हो सकता है, बल्कि आप भविष्य में होने वाले हार्ट अटैक और स्ट्रोक के गंभीर खतरे से भी बच सकते हैं. यह जानकारी आपकी और आपके अपनों की जान बचा सकती है.