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Up Kiran, Digital Desk: जब भी हम 'ब्रेस्ट कैंसर' का नाम सुनते हैं, तो हमारे दिमाग में फौरन एक महिला की तस्वीर आती है। हम यह मानकर चलते हैं कि यह बीमारी सिर्फ और सिर्फ महिलाओं को होती है, लेकिन यह सच का सिर्फ एक आधा हिस्सा है। पूरा सच यह है कि ब्रेस्ट कैंसर पुरुषों को भी हो सकता है, और जानकारी की कमी के कारण यह अक्सर बहुत खतरनाक साबित होता है।

चूंकि पुरुषों में इस बीमारी को लेकर जागरूकता लगभग न के बराबर है, इसलिए इसके लक्षण सामने आने पर भी वे उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं, और जब तक वे डॉक्टर के पास पहुंचते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

आज हम आपको डॉक्टर से मिली जानकारी के आधार पर पुरुषों में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर के उन लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें किसी भी पुरुष को इग्नोर नहीं करना चाहिए।

क्या हैं पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण?

ये लक्षण लगभग वैसे ही होते हैं जैसे महिलाओं में होते हैं, लेकिन जानकारी की कमी के कारण पुरुष इन पर ध्यान नहीं देते:

स्तन में गांठ होना: यह सबसे आम और पहला लक्षण है। अगर किसी पुरुष को अपने स्तन या बगल (अंडरआर्म) में किसी भी तरह की गांठ महसूस होती है, तो उसे फौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए। यह जरूरी नहीं कि हर गांठ कैंसर ही हो, लेकिन जांच कराना बहुत जरूरी है।

निप्पल में बदलाव: निप्पल का अंदर की ओर धंस जाना, उसका आकार या रंग बदलना, या उससे किसी भी तरह का तरल पदार्थ (खून या पानी जैसा) निकलना एक गंभीर संकेत हो सकता है।

त्वचा में बदलाव: स्तन के ऊपर की त्वचा का मोटा होना, उसका रंग लाल होना, या उसमें संतरे के छिलके जैसे छोटे-छोटे गड्ढे (डिंपल) दिखना भी ब्रेस्ट कैंसर का एक लक्षण हो सकता है।

खुजली या रैश होना: अगर निप्पल के आसपास लगातार खुजली होती है या किसी तरह के रैशेज हो गए हैं जो ठीक नहीं हो रहे, तो इसे मामूली स्किन प्रॉब्लम समझने की गलती न करें।

दर्द होना: आमतौर पर शुरुआती स्टेज में दर्द नहीं होता, लेकिन अगर स्तन या निप्पल के किसी खास हिस्से में लगातार दर्द बना रहता है, तो यह भी एक चेतावनी हो सकती है।

क्यों होता है पुरुषों को ब्रेस्ट कैंसर: हालांकि इसके कोई सटीक कारण नहीं हैं, लेकिन कुछ चीजें इसका खतरा बढ़ा देती हैं:

उम्र बढ़ना: यह अक्सर 60 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों में पाया जाता है।

पारिवारिक इतिहास: अगर परिवार में किसी (महिला या पुरुष) को ब्रेस्ट कैंसर रहा है, तो खतरा बढ़ जाता है।

मोटापा और शराब: ज्यादा वजन होना और अत्यधिक शराब का सेवन भी इसके जोखिम को बढ़ाता है।

हार्मोनल बदलाव: शरीर में एस्ट्रोजन (महिला हार्मोन) का स्तर बढ़ना भी एक कारण हो सकता है।

इसे शर्म की बात न समझें: कई पुरुष इन लक्षणों को 'शर्म' या 'मर्दानगी' से जोड़कर डॉक्टर को बताने में झिझकते हैं। उन्हें लगता है कि यह तो 'महिलाओं वाली बीमारी' है, मुझे कैसे हो सकती है? यह सोच बहुत खतरनाक है। याद रखिए, बीमारी किसी जेंडर को देखकर नहीं आती, और समय पर इलाज से जान बच सकती है। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे, तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलें। आपकी एक छोटी सी जागरूकता आपकी जिंदगी बचा सकती है।