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Up Kiran, Digital Desk: वक्त चाहे जैसा भी हो, धनतेरस का पर्व हर साल लोगों के लिए नई उम्मीद और शुभता लेकर आता है। ये दिन सिर्फ परंपरा निभाने का नहीं, बल्कि भविष्य के लिए कुछ नया और शुभ करने का संकेत बन चुका है। आधुनिक दौर में जहां तकनीक और विलासिता की चीज़ें लोगों की पसंद बन चुकी हैं, वहीं इस खास दिन की धार्मिक मान्यताएं भी आज उतनी ही प्रासंगिक हैं।

पुरानी परंपराएं, नई सोच

धनतेरस का नाम आते ही सबसे पहले खरीदारी का ख्याल आता है। यह परंपरा केवल एक धार्मिक रिवाज नहीं, बल्कि सामूहिक उत्साह और समृद्धि की भावना से जुड़ी हुई है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि इस दिन अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। इसलिए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है।

आज भी कई लोग इस दिन चांदी-तांबे के बर्तन, सोने-चांदी के सिक्के और आभूषण खरीदते हैं। सोना न केवल सुंदरता को बढ़ाता है, बल्कि संकट के समय आर्थिक सुरक्षा भी देता है। इसी कारण, सोने या चांदी के सिक्के ‘शगुन’ के रूप में खरीदे जाते हैं।

मान्यता है कि इस दिन की गई खरीदारी तेरह गुना बढ़कर लौटती है, इसलिए लोग इस मौके को निवेश के रूप में भी देखते हैं।

अब खरीदारी के मायने भी बदले हैं

वक़्त के साथ लोगों की पसंद और प्राथमिकताएं भी बदली हैं। अब धनतेरस केवल पारंपरिक चीज़ें खरीदने तक सीमित नहीं रहा। कुछ लोग इस दिन घर या ऑफिस के लिए इलेक्ट्रॉनिक सामान, मोबाइल, लैपटॉप या घरेलू उपकरण लेना पसंद करते हैं। वहीं, वाहन खरीदने की होड़ भी अब आम हो गई है। गाड़ियों की शोरूम्स पर इस दिन भारी भीड़ देखी जाती है।

कुछ लोग इस मौके को अवसर मानकर घर की जरूरत की चीज़ें जैसे कि किचन अप्लायंसेज़ या डेकोरेटिव आइटम्स भी खरीदते हैं। यानी त्योहार की रौनक और समृद्धि की उम्मीद दोनों बरकरार हैं।

धनिया के बीज: एक अनदेखी परंपरा

एक दिलचस्प परंपरा धनिया के सूखे बीजों से जुड़ी है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन इन बीजों को खरीदकर घर में रखने से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है। दीवाली के बाद इन्हें खेतों या गार्डन में बोया जाता है, जो उन्नति और विकास का प्रतीक माने जाते हैं।

क्या न खरीदें इस दिन?

जहां कुछ चीज़ें शुभ मानी जाती हैं, वहीं कुछ वस्तुएं ऐसी भी हैं जिन्हें धनतेरस पर खरीदने से बचना चाहिए।

कांच या शीशा: राहु से जुड़ा होने के कारण इसे इस दिन खरीदना अशुभ माना जाता है। अगर जरूरत हो तो ध्यान रखें कि वह पारदर्शी या बहुत धुंधला न हो।

एल्यूमिनियम के बर्तन: धार्मिक दृष्टि से यह धातु शुभ नहीं मानी जाती। पूजा-पाठ में इसका उपयोग वर्जित है। यह वास्तु और स्वास्थ्य के लिहाज से भी नुकसानदेह माना गया है।

नुकीली चीजें: चाकू, कैंची, छुरी या लोहे के बर्तन जैसे धारदार सामान इस दिन नहीं खरीदे जाते। इन्हें घर में नेगेटिव एनर्जी का कारण माना जाता है।