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Up Kiran, Digital Desk: जो छात्र अभी 9वीं और 11वीं कक्षा में हैं, उनके लिए यह खबर सबसे बड़ी और सबसे महत्वपूर्ण है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए, लगभग दो साल पहले ही 2026 में होने वाली 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की başlangıç तिथि की घोषणा कर दी है। परीक्षाएं 17 फरवरी, 2026 से शुरू होंगी। लेकिन, सिर्फ तारीख ही नहीं आई है, बल्कि CBSE ने परीक्षा के पैटर्न में भी एक क्रांतिकारी बदलाव का ऐलान कर दिया है, जो 'रट्टा मारकर' पास होने वाले छात्रों के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।

यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत किए जा रहे हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को रटने की प्रवृत्ति से निकालकर उनकी सोचने-समझने, विश्लेषण करने और वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने की क्षमता को विकसित करना है।

तो चलिए जानते हैं कि 2026 के बोर्ड एग्जाम में बैठने वाले छात्रों के लिए क्या-क्या नया और अलग होने वाला है।

1. कॉम्पिटेंसी-बेस्ड प्रश्नों का 'राज'

यह सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण बदलाव है। अब परीक्षा में सीधे-सीधे किताब से पूछे जाने वाले सवालों की संख्या कम होगी। इनकी जगह लेंगे 'कॉम्पिटेंसी-बेस्ड' प्रश्न।

क्या होते हैं ये प्रश्न?: इनमें बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs), केस-स्टडी पर आधारित प्रश्न, सोर्स-बेस्ड इंटीग्रेटेड प्रश्न और वास्तविक जीवन की स्थितियों पर आधारित प्रश्न शामिल होंगे। इन सवालों का जवाब देने के लिए आपको सिर्फ जानकारी याद नहीं रखनी होगी, बल्कि उसे समझना और लागू करना भी आना चाहिए।

कितना होगा वेटेज?:कक्षा 10वीं: कम से कम 50% प्रश्न कॉम्पिटेंसी-बेस्ड होंगे।

कक्षा 12वीं: कम से कम 40% प्रश्न कॉम्पिटेंसी-बेस्ड होंगे।

2. लंबे उत्तरों (Long Answers) का महत्व हुआ कमचूंकि अब जोर रटने पर नहीं, बल्कि समझने पर है, इसलिए पारंपरिक लंबे-लंबे उत्तर लिखने वाले सवालों का वेटेज घटा दिया गया है।

कितना घटा वेटेज,कक्षा 10वीं: लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों (Short and Long answer type questions) का वेटेज घटाकर 30% कर दिया गया है (जो पहले 40% था)।

कक्षा 12वीं: इन प्रश्नों का वेटेज घटाकर 40% कर दिया गया है (जो पहले 50% था)।

बाकी 20% प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप यानी MCQs होंगे।

3. 'क्या' से ज्यादा 'कैसे' और 'क्यों' पर फोकस अब आपकी परीक्षा सिर्फ यह नहीं जांचेगी कि आपको 'क्या' पता है, बल्कि यह परखेगी कि आप उस जानकारी का उपयोग 'कैसे' और 'क्यों' करते हैं। यह बदलाव छात्रों को भविष्य की प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे JEE और NEET के लिए भी बेहतर तरीके से तैयार करेगा, जहां एनालिटिकल स्किल्स की ज्यादा जरूरत होती है।

किन छात्रों पर लागू होंगे ये बदलाव?

CBSE का यह नया परीक्षा पैटर्न उन छात्रों के लिए है जो वर्तमान शैक्षणिक सत्र (2024-25) में कक्षा 9 और कक्षा 11 में पढ़ रहे हैं। यही छात्र 2026 में क्रमशः 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा देंगे।

CBSE का यह कदम स्पष्ट संकेत देता है कि भारतीय शिक्षा प्रणाली अब एक नए और अधिक व्यावहारिक दौर में प्रवेश कर रही है, जहां सिर्फ किताबी कीड़ा बनकर अच्छे नंबर लाना मुश्किल होगा। छात्रों को अब अपनी पढ़ाई का तरीका बदलना होगा और विषयों को गहराई से समझने पर ध्यान देना होगा।