
Up Kiran, Digital Desk: बढ़ते प्रदूषण के साथ ही हमारे घरों में एयर प्यूरीफायर का चलन भी तेजी से बढ़ा है। कंपनियां दावा करती हैं कि ये डिवाइस हवा को साफ कर हमें कई बीमारियों से बचाते हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या एयर प्यूरीफायर वाकई हमें फेफड़ों के कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाने में कारगर है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने एक्सपर्ट्स से बात की और जो सच्चाई सामने आई, वो हर किसी को जाननी चाहिए।
एयर प्यूरीफायर कैसे काम करता है?
नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में पल्मोनोलॉजी के एडिशनल डायरेक्टर, डॉ. राजेश कुमार गुप्ता बताते हैं कि एयर प्यूरीफायर एक मशीन है जो अपने अंदर लगे फिल्टर का इस्तेमाल करके हवा में मौजूद धूल, धुएं, एलर्जी पैदा करने वाले कण (pollen) और दूसरे हानिकारक प्रदूषकों (pollutants) को सोख लेती है। यह हवा की गुणवत्ता को सुधारने में तो मदद करती है, लेकिन इसे कैंसर से बचाने वाला कवच समझ लेना एक बड़ी भूल होगी।
तो क्या एयर प्यूरीफायर कैंसर से नहीं बचाता?
डॉ. गुप्ता साफ शब्दों में कहते हैं, "इस बात का कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि सिर्फ एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने से फेफड़ों का कैंसर रुक सकता है।"
वे समझाते हैं कि फेफड़ों का कैंसर एक बहुत ही जटिल बीमारी है, जिसके होने के पीछे कई कारण होते हैं। इसमें सबसे बड़ा हाथ धूम्रपान, प्रदूषण (खासकर PM2.5 जैसे छोटे कण), जहरीले केमिकल के संपर्क में आना और जेनेटिक कारण शामिल हैं। एयर प्यूरीफायर इनमें से सिर्फ कुछ ही चीजों (जैसे घर के अंदर की हवा में मौजूद कणों) को कम कर सकता है, लेकिन बाकी जोखिमों पर उसका कोई असर नहीं होता।
असल में क्या हैं कैंसर के मुख्य कारण?
धूम्रपान: फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा और सीधा कारण धूम्रपान है, चाहे वो सिगरेट हो, बीड़ी हो या हुक्का।
प्रदूषण: गाड़ियों, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं और कंस्ट्रक्शन की धूल हवा में PM2.5 जैसे खतरनाक कण घोल देती है, जो सांस के जरिए फेफड़ों में जाकर कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।
केमिकल: एस्बेस्टस, रेडॉन और आर्सेनिक जैसे केमिकल के संपर्क में लंबे समय तक रहने से भी कैंसर हो सकता है।
तो फिर क्या करें: एयर प्यूरीफायर घर की हवा को थोड़ा बेहतर बना सकता है, जिससे अस्थमा और एलर्जी जैसी बीमारियों में राहत मिल सकती है, लेकिन इसे कैंसर का इलाज या बचाव समझना गलत है। फेफड़ों को स्वस्थ रखने और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए इन बातों पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है:
धूम्रपान तुरंत छोड़ें: यह सबसे पहला और जरूरी कदम है।
प्रदूषण से बचें: जब भी बाहर निकलें, खासकर जब हवा की गुणवत्ता बहुत खराब हो, तो अच्छे मास्क का इस्तेमाल करें।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: नियमित व्यायाम करें और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल-सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें।
नियमित जांच कराएं: अगर आपको सांस लेने में तकलीफ, लगातार खांसी या कोई और लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।