
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में कथित लव जिहाद और धर्मांतरण का एक मामला सामने आया है, जिसने स्थानीय स्तर पर काफी विवाद खड़ा कर दिया है। मामला तब उजागर हुआ जब एक मुस्लिम युवक एक हिंदू लड़की का नाम बदलकर, उसे बुर्का पहनाकर कोर्ट में शादी की प्रक्रिया पूरी करने पहुंचा। लेकिन कोर्ट परिसर में मौजूद हिंदू संगठनों ने इसे लव जिहाद का मामला बताते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
क्या है मामला?
मामले के मुताबिक, आरोपी युवक ने एक हिंदू लड़की सरस्वती का पहले धर्म परिवर्तन कराया और फिर उसे नया नाम "मुस्कान खान" दिया। इसके बाद नए नाम से लड़की के दस्तावेज तैयार करवाए। युवक लड़की को बुर्का पहनाकर मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय लेकर पहुंचा, जहां दोनों विवाह का शपथ पत्र बनवाने की तैयारी में थे।
बताया जा रहा है कि दोनों प्रेमी सीतामढ़ी जिले के निवासी हैं और कोर्ट में झूठे दस्तावेजों के आधार पर कानूनी प्रक्रिया पूरी करने की कोशिश कर रहे थे।
हिंदू संगठनों का विरोध, कोर्ट परिसर में हंगामा
विवाद तब शुरू हुआ जब विश्व सनातन सेना और अंतरराष्ट्रीय सनातन हिंदू वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने युवक और युवती को कोर्ट परिसर में पहचान लिया। उन्हें शक हुआ कि मामला सामान्य प्रेम विवाह नहीं है, बल्कि यह धर्मांतरण और लव जिहाद से जुड़ा है।
जैसे ही कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू किया, युवक-युवती वहां से भागने की कोशिश करने लगे। लेकिन भीड़ ने लड़की को रोक लिया और उसका नकाब हटवाया, जिससे उसकी असली पहचान सामने आ गई। युवक भी भागने की कोशिश में था, मगर उसे भी लोगों ने दौड़ाकर पकड़ लिया। इसके बाद कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई और भीड़ इकट्ठा हो गई।
पुलिस की介入 और कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही नगर थाना की पुलिस मौके पर पहुंच गई और दोनों को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने लड़का-लड़की को थाने ले जाकर पूछताछ शुरू की और मामले की जानकारी लड़की के परिजनों को दी। सूचना मिलते ही परिजन भी थाने पहुंचे।
लड़की के परिजनों का कहना है कि वह सीतामढ़ी की रहने वाली है और उसकी शादी अगले सप्ताह तय है। इस बीच उसकी कोर्ट में पहुंचकर धर्मांतरण कर शादी की कोशिश पूरे परिवार के लिए झटका बन गई।
फर्जी दस्तावेज की आशंका, जांच जारी
पुलिस को शक है कि युवक ने लड़की के धर्म परिवर्तन से संबंधित दस्तावेज फर्जी तरीके से तैयार करवाए हैं। इस मामले में दस्तावेजों की वैधता की जांच की जा रही है। साथ ही कोर्ट में दाखिल शपथ पत्र और अन्य प्रमाणों को भी खंगाला जा रहा है।
मामले ने फिर से खड़ा किया बड़ा सवाल
यह घटना न सिर्फ एक प्रेम संबंध या व्यक्तिगत चुनाव की कहानी है, बल्कि इसके पीछे सामाजिक और धार्मिक पहचान से जुड़ी बड़ी बहस भी शुरू हो गई है। धर्मांतरण, फर्जी दस्तावेज, और शादी की कानूनी प्रक्रिया को लेकर उठते सवालों के बीच राज्य सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी भी सामने आती है कि इस तरह के मामलों की जांच निष्पक्ष और सख्त हो।