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Up Kiran, Digital Desk: मुंबई के मलाड क्षेत्र से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने ट्यूशन क्लासों में बच्चों की सुरक्षा पर गहरी चिंता पैदा कर दी है। आठ साल का एक मासूम छात्र सिर्फ इसलिए गंभीर रूप से घायल हो गया क्योंकि उसकी लिखावट शिक्षक को पसंद नहीं आई। यह घटना उस समय घटित हुई जब बच्चा अपने ट्यूटर के घर पर पढ़ने गया था। आरोपी शिक्षिका ने कथित तौर पर उसे सज़ा के तौर पर जलती हुई मोमबत्ती से दंडित किया।
घर से बाहर की पढ़ाई: बच्चों के लिए खतरे की घंटी?
आज के शहरी जीवन में माता-पिता अपने बच्चों को ट्यूशन भेजना आम बात मानते हैं। स्कूल के बाद अतिरिक्त पढ़ाई के नाम पर बच्चे अक्सर अपरिचित या बिना निगरानी वाले स्थानों पर समय बिताते हैं। ऐसे में मलाड की इस घटना ने अभिभावकों को झकझोर कर रख दिया है।
घटना में शामिल महिला, जिसकी पहचान राजश्री राठौड़ के रूप में हुई है, ने कथित रूप से छात्र के हाथ को मोमबत्ती पर दबाकर झुलसा दिया। जब उसकी बहन उसे लेने आई, तो वह भाई को दर्द में रोते हुए देखकर सन्न रह गई। शुरुआत में आरोपी शिक्षिका ने इसे सामान्य चोट बताकर टालने की कोशिश की, लेकिन जब बच्चा घर पहुंचा तो उसने पूरी घटना का खुलासा किया।
स्वास्थ्य और न्याय के लिए संघर्ष
घटना से आहत परिजनों ने बच्चे को तत्काल कांदिवली के बाबासाहेब अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद कुरार पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई। पुलिस ने मामले को गंभीर मानते हुए आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।
यह पहली बार नहीं?
स्थानीय लोगों और अभिभावकों का कहना है कि आरोपी शिक्षिका का व्यवहार पहले भी कठोर रहा है। कुछ अन्य बच्चों के माता-पिता ने भी पुराने अनुभव साझा किए हैं, जिससे संकेत मिलता है कि यह कोई एक बार की घटना नहीं, बल्कि एक चलन था जिसे समय रहते रोका नहीं गया।
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