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Up Kiran, Digital Desk: भारत ने मंगलवार को बयान जारी कर बताया कि शंघाई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर चीनी अधिकारियों ने एक भारतीय नागरिक को अवैध रूप से हिरासत में लिया। इस घटना को लेकर भारत ने बीजिंग के समक्ष अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और चीन के दावे से इसकी वास्तविकता नहीं बदलेगी।

"चीनी अधिकारियों के खिलाफ भारत का कड़ा विरोध, अरुणाचल प्रदेश का मामला उठाया"

भारत ने बीजिंग के समक्ष इस मामले को "दृढ़ता से" उठाया है, क्योंकि चीन ने अभी तक इस घटना पर कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं दिया है। मंत्रालय ने कहा, "चीनी अधिकारियों की कार्रवाई अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा से जुड़े नियमों का उल्लंघन है, जिसमें सभी देशों के नागरिकों को 24 घंटे तक वीज़ा-मुक्त आवागमन की अनुमति मिलनी चाहिए।"

भारत का आरोप: चीनी अधिकारियों ने भारतीय नागरिक को अवैध रूप से रोका

यह मामला सोमवार को सामने आया, जब यूनाइटेड किंगडम में रहने वाली भारतीय मूल की महिला प्रेमा वांगजोम थोंगडोक ने आरोप लगाया कि शंघाई के पुडोंग अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर चीनी अधिकारियों ने उन्हें लगभग 18 घंटे तक हिरासत में रखा। उनका कहना था कि उनका भारतीय पासपोर्ट "अमान्य" बताया गया, क्योंकि उसमें उनका जन्मस्थान अरुणाचल प्रदेश दर्ज था। थोंगडोक ने बताया कि अधिकारियों ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश "भारत का हिस्सा नहीं है," जो उनके लिए चौंकाने वाला था।

"चीन ने दावा किया - यह सब नियमों के तहत हुआ, भारतीय नागरिक को कोई नुकसान नहीं हुआ"

चीन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि चीनी अधिकारियों ने सभी प्रक्रियाओं का पालन किया और किसी प्रकार की 'हिरासत' या 'उत्पीड़न' नहीं किया। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि यह मामला पूरी तरह से चीन के कानूनों के तहत था और उन्होंने भारतीय नागरिक के कानूनी अधिकारों का सम्मान किया। उन्होंने यह भी कहा, "अरुणाचल प्रदेश को चीन कभी मान्यता नहीं देगा, क्योंकि यह क्षेत्र चीन का हिस्सा है।"