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सिक्किम, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में विवाद के बाद चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अब उत्तराखंड से सटे इलाकों में अपना सैन्य ढांचा बढ़ाने पर फोकस किया है। ये ऐसी जगहें हैं जहां से अब तक किसी तरह के तनाव की कोई खबर नहीं आई है।

इन सीमावर्ती क्षेत्रों में कोई पलायन नहीं हुआ है। इसलिए साफ है कि चीन ने यह निर्माण सैन्य उद्देश्यों के लिए किया है। गलवान की घटना के बाद भारत और चीन सैन्य वार्ता पर जोर देते रहे हैं। बीते माह दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में एलएसी पर तनाव कम करने के लिए राजनयिक स्तर की बातचीत की थी। हाल ही में भारत और चीन के बीच फिर से कोर कमांडर स्तर की बैठक हुई। 18वें दौर की चर्चा में वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

सेना आमने सामने

चीन लद्दाख के नजदीक के इलाकों में अपनी सेना को मजबूत कर रहा है। इतना ही नहीं, पेट्रोलिंग करने वाले भारतीय विमानों के लिए खतरा पैदा करने के लिए उसने एयर डिफेंस सिस्टम भी तैनात किए हैं। वहीं, चीन की किसी भी हरकत का मुकाबला करने के लिए भारत नियमित रूप से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में नए रडार और वायु रक्षा प्रणाली तैनात कर रहा है।

क्या चल रहा है?

चीनी सेना लंबे समय से भारत से लगी सीमा पर गांवों का निर्माण कर रही है, खासकर पूर्वी लद्दाख, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में। अब यह बात सामने आई है कि उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों में गांवों का निर्माण शुरू हो गया है। इन सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि चीन तेजी से अपना सैन्य ढांचा तैयार कर रहा है।
 

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