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चिराग पासवान, लोक जनशक्ति पार्टी (रावविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री, ने 8 जून 2025 को बिहार की राजनीतिक धरती पर जोरदार धमाका किया। आरा में हुई 'नव संकल्प महासभा' में उन्होंने ऐलान किया कि वे सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इसके पीछे उनका उद्देश्य सिर्फ खुद का चुनावी प्रचार नहीं, बल्कि NDA गठबंधन की कमर को मजबूत करना और बिहार के विकास को तेज करना है।

चिराग ने सारा जोर "Bihar First, Bihari First" के नारे पर रखा, जो 2020 में उन्हीं का था, और अब इसे विकास, युवा रोजगार और स्वाभिमान से जोड़कर राजनीती में जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे अपनी पार्टी की स्ट्राइक रेट बढ़ाना चाहते हैं, और इससे एनडीए को लाभ मिलेगा। इस घोषणा से, भाजपा-जदयू गठबंधन को सीट बंटवारे को लेकर बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, और जदयू इसे चिराग की रणनीति के रूप में देख रहा है।

राजनीतिक विश्लेषण बताते हैं कि इस कदम से चिराग अपनी विरासत—रामविलास पासवान की—को मजबूत करना चाहते हैं। उनका यह भी प्रयास है कि वे अपने जातिगत वोटबैंक को पार करके युवाओं, महिलाओं और विकास मूलक राजनीति की ओर जायें।

इस राजनीतिक सीढ़ी पर चढ़ने के साथ ही बिहार की राजनीति में नई हलचल शुरू हो चुकी है। चिराग की यह घोषणा न सिर्फ एनडीए के अंदर सीटों के बंटवारे को प्रभावित करेगी, बल्कि विपक्षी गठबंधनों को भी सतर्क कर देगी।

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