Up kiran,Digital Desk : क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि सर्दी-जुकाम तो चला गया, लेकिन कान में भारीपन या बंद होने का एहसास बना रहता है? आपको लगता है जैसे कान में सीटी बज रही हो या आवाजें दबी-दबी सी आ रही हों. अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं. यह एक आम समस्या है, जिसे मेडिकल भाषा में 'ईयर कंजेशन' कहते हैं.
तो चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर जुकाम का असर हमारे कानों पर क्यों पड़ता है और इसे घर पर ही कैसे ठीक किया जा सकता है.
पहले समझिए, कान बंद होता क्यों है?
जिस तरह सर्दी-जुकाम में हमारी नाक बंद हो जाती है, ठीक उसी तरह इसका असर हमारे कानों पर भी पड़ता है. हमारे कान के बीच वाले हिस्से को नाक के पिछले हिस्से से एक पतली सी नली जोड़ती है, जिसे यूस्टेशियन ट्यूब (Eustachian Tube) कहते हैं. इसका काम कान के अंदर हवा के दबाव को संतुलित रखना है.
जब हमें सर्दी, जुकाम या कोई एलर्जी होती है, तो इस ट्यूब में सूजन आ जाती है और यह ब्लॉक हो जाती है. इसी ब्लॉकेज की वजह से हमें कान में दबाव, भारीपन और कभी-कभी हल्का दर्द भी महसूस होता है.
कैसे पहचानें कि आपका कान बंद है?
- कान में भारीपन या भरा-भरा महसूस होना.
- ऐसा लगना जैसे किसी ने कान में रुई ठूंस दी हो और आवाजें साफ न सुनाई दें.
- कान के अंदर खिंचाव या दबाव महसूस होना.
- कभी-कभी हल्का दर्द या चक्कर जैसा महसूस होना.
कान बंद होने के मुख्य कारण
- सर्दी-जुकाम: यह सबसे आम वजह है.
- एलर्जी: धूल, धुएं या किसी अन्य चीज से होने वाली एलर्जी.
- साइनस: नाक या साइनस में इंफेक्शन होना.
- ऊंचाई पर जाना: हवाई जहाज में सफर करने या पहाड़ों पर जाने से हवा के दबाव में बदलाव.
- कान में वैक्स: कान में बहुत ज्यादा मैल (वैक्स) जमा हो जाना.
- कान का संक्रमण: कान में किसी तरह का इन्फेक्शन होना.
घर पर ही करें ये 4 आसान उपाय
अगर आपका कान सर्दी-जुकाम की वजह से बंद है, तो डॉक्टर के पास भागने से पहले आप ये आसान घरेलू तरीके अपना सकते हैं:
- कुछ निगलने की कोशिश करें: बार-बार पानी का घूंट लें, कैंडी चूसें या सबसे आसान, शुगर-फ्री च्युइंग गम चबाएं. इससे यूस्टेशियन ट्यूब पर दबाव पड़ता है और वह खुल जाती है.
- जम्हाई लें: जान-बूझकर जोर से और पूरी जम्हाई लेने की कोशिश करें. एक-दो बार ऐसा करने से भी बंद ट्यूब खुल सकती है.
- 'फूंक' वाली ट्रिक: एक गहरी सांस लें. अब अपनी नाक को उंगलियों से बंद कर लें और मुंह को भी बंद रखें. अब धीरे-धीरे नाक से हवा बाहर निकालने की कोशिश करें, जैसे आप गुब्बारा फुला रहे हों. अगर आपको कान में हल्की 'पॉप' की आवाज सुनाई देती है, तो समझ लीजिए कि आपकी ट्यूब खुल गई है. (ध्यान रहे: बहुत ज्यादा जोर न लगाएं).
- भाप लें: गर्म पानी की भाप लेने से भी नाक और गले की सूजन कम होती है, जिससे कान की बंद नली को खुलने में मदद मिलती है.
डॉक्टर से कब मिलना जरूरी है?
आमतौर पर सर्दी ठीक होने के साथ-साथ यह समस्या भी अपने आप ठीक हो जाती है. लेकिन अगर आपको नीचे दिए गए लक्षण महसूस हों, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें:
- कान में तेज दर्द हो रहा हो.
- कान से किसी तरह का तरल पदार्थ निकल रहा हो.
- तेज बुखार हो.
- सुनने में बहुत ज्यादा दिक्कत हो रही हो.
- यह समस्या एक हफ्ते से ज्यादा समय तक बनी रहे.
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