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Up Kiran, Digital Desk: आधुनिक जीवनशैली में तनाव (stress) एक आम समस्या बन गया है, और हमारे शरीर पर इसका सबसे सीधा असर कोर्टिसोल नामक हार्मोन पर पड़ता है, जिसे अक्सर "स्ट्रेस हॉर्मोन" कहा जाता है। कोर्टिसोल हमारे शरीर की कई महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है, जैसे ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, नींद-जागने का चक्र और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया। हालांकि, जब शरीर अत्यधिक कोर्टिसोल का उत्पादन करता है या बहुत कम, तो यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। ऐसे में, कोर्टिसोल ब्लड टेस्ट इन हार्मोनल असंतुलनों का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कोर्टिसोल ब्लड टेस्ट क्यों जरूरी है?

यह रक्त परीक्षण मुख्य रूप से एड्रेनल ग्रंथियों के कामकाज का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह तब देते हैं जब उन्हें निम्नलिखित स्वास्थ्य स्थितियों का संदेह होता है:

कुशिंग सिंड्रोम (Cushing's Syndrome): यह एक ऐसी स्थिति है जहां शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बहुत अधिक हो जाता है, जिससे वजन बढ़ना, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

एड्रेनल अपर्याप्तता (Adrenal Insufficiency): यह तब होता है जब एड्रेनल ग्रंथियां पर्याप्त कोर्टिसोल का उत्पादन नहीं कर पाती हैं, जिससे थकान, मांसपेशियों में कमजोरी और निम्न रक्तचाप जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

अन्य एड्रेनल ग्रंथि संबंधी विकार: यह टेस्ट एड्रेनल ग्रंथियों से संबंधित अन्य बीमारियों का पता लगाने में भी मदद कर सकता है।

तनाव और थकान के कारण: यदि कोई व्यक्ति अत्यधिक तनाव, थकान या अचानक वजन बढ़ने/घटने जैसे लक्षणों का अनुभव कर रहा है, तो डॉक्टर कोर्टिसोल के स्तर की जांच की सलाह दे सकते हैं।

कोर्टिसोल के सामान्य स्तर (Normal Range):

कोर्टिसोल का स्तर दिन के समय के अनुसार बदलता रहता है। यह आमतौर पर सुबह के समय सबसे अधिक होता है और शाम को धीरे-धीरे कम हो जाता है। इसलिए, टेस्ट के परिणाम की व्याख्या करते समय सैंपलिंग के समय का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है।

सुबह (लगभग 8-9 बजे): सामान्य स्तर लगभग 6.2 से 19.4 माइक्रोग्राम प्रति डेसीलिटर (mcg/dL) या 171 से 536 नैनोमोल प्रति लीटर (nmol/L) के बीच होता है।

शाम (लगभग 4-5 बजे): यह गिरकर 2.3 से 11.9 mcg/dL या 64 से 330 nmol/L तक हो सकता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये सामान्य सीमाएं प्रयोगशाला के अनुसार थोड़ी भिन्न हो सकती हैं।

टेस्ट करवाने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?

कोर्टिसोल ब्लड टेस्ट के परिणामों को प्रभावित करने वाले कई कारक हो सकते हैं, इसलिए डॉक्टर कुछ तैयारी की सलाह दे सकते हैं:

उपवास: टेस्ट से कुछ घंटे पहले खाने-पीने से मना किया जा सकता है।

दवाएं: डॉक्टर कुछ दवाओं (जैसे स्टेरॉयड, एस्ट्रोजन, या कुछ अवसादरोधी दवाएं) को टेस्ट से पहले बंद करने की सलाह दे सकते हैं, क्योंकि वे कोर्टिसोल के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं।

शारीरिक और मानसिक तनाव: टेस्ट से पहले अत्यधिक शारीरिक परिश्रम या भावनात्मक तनाव से बचें, क्योंकि ये कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकते हैं।

कैफीन और शराब: टेस्ट से पहले कैफीन और शराब का सेवन सीमित करने की सलाह दी जाती है।

कोर्टिसोल टेस्ट की कीमत (Price):

कोर्टिसोल ब्लड टेस्ट की कीमत शहर, प्रयोगशाला, और टेस्ट के प्रकार (जैसे सुबह का टेस्ट या 24 घंटे का यूरिन टेस्ट) के आधार पर भिन्न हो सकती है। आमतौर पर, भारत में इस टेस्ट की कीमत ₹300 से ₹800 के बीच हो सकती है। अधिक सटीक जानकारी के लिए आप अपने स्थानीय डायग्नोस्टिक सेंटर से संपर्क कर सकते हैं।

असामान्य परिणाम और उसके मायने:

उच्च कोर्टिसोल स्तर: यह कुशिंग सिंड्रोम, तनाव, गर्भावस्था, अत्यधिक व्यायाम, अवसाद, या एड्रेनल ट्यूमर का संकेत हो सकता है।

निम्न कोर्टिसोल स्तर: यह एडिसन रोग, एड्रेनल अपर्याप्तता, हाइपोपिटिटारिज्म, या कुछ दवाओं के सेवन का परिणाम हो सकता है।

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