
Up Kiran, Digital Desk: जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक गलियारों से एक अहम खबर सामने आई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से एक महत्वपूर्ण मांग की है। उन्होंने 13 जुलाई और 5 दिसंबर की सार्वजनिक छुट्टियों को तुरंत बहाल करने का आग्रह किया है, जिन्हें पिछली प्रशासन ने रद्द कर दिया था। ये दोनों तारीखें जम्मू-कश्मीर के इतिहास में विशेष महत्व रखती हैं और लोगों की भावनाओं से जुड़ी हुई हैं।
शहीदी दिवस और शेख अब्दुल्ला जयंती
उमर अब्दुल्ला ने अपने पत्र में साफ तौर पर कहा है कि 13 जुलाई को 'शहीदी दिवस' के रूप में मनाया जाता है। यह दिन उन निहत्थे नागरिकों की याद में है जिन्होंने 1931 में राजशाही के खिलाफ अपनी जान गंवाई थी। अब्दुल्ला का तर्क है कि इस दिन की छुट्टी को रद्द करना उन शहीदों के बलिदान और उनकी याद का घोर अपमान है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शहीदों का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है और उनकी यादों को किसी भी सरकार द्वारा मिटाया नहीं जा सकता।
वहीं, 5 दिसंबर नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की जयंती है। यह दिन भी जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक और सामाजिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उमर अब्दुल्ला ने इस छुट्टी को रद्द करने को 'जम्मू-कश्मीर के इतिहास और विरासत को नकारने' जैसा बताया है।
उमर अब्दुल्ला की अपील उमर अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल से आग्रह किया है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और इन दोनों महत्वपूर्ण छुट्टियों को जल्द से जल्द बहाल करने का आदेश दें। उनका मानना है कि यह कदम न केवल ऐतिहासिक सम्मान को बहाल करेगा, बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की भावनाओं का भी आदर करेगा।
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