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Up Kiran, Digital Desk: हर साल जब जुलाई का महीना दस्तक देता है, तो देश के कई हिस्सों में श्रद्धालुओं की आस्था चरम पर पहुंच जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण है सावन मास की शुरुआत। 2025 में सावन की शुरुआत 11 जुलाई, सोमवार से हुई है, और इस बार यह समय खास माना जा रहा है न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक पहलुओं के कारण भी।
हिंदू संस्कृति में साल के बारहों महीने किसी न किसी विशेष पूजा या पर्व से जुड़े होते हैं, लेकिन सावन का महत्व सबसे अलग है। यह महीना मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है, पर इसके साथ-साथ चातुर्मास का आगमन भी इसी दौरान होता है। मान्यता है कि जब भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं, तो ब्रह्मांड की व्यवस्था शिव के जिम्मे आ जाती है। इसी विश्वास के कारण लाखों श्रद्धालु इस पूरे महीने व्रत रखते हैं, जलाभिषेक करते हैं और शिवलिंग पर विविध अर्पण करते हैं।
लेकिन इस बार लोगों की आस्था के साथ एक नई सोच भी देखने को मिल रही है ‘धार्मिक सेवा के साथ सामाजिक जिम्मेदारी’।
धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने वाले लोग अब अपने कर्मकांडों में जरूरतमंदों की मदद को भी महत्व देने लगे हैं। मंदिरों में जाकर केवल पूजा-पाठ तक सीमित न रहकर, कई भक्त दान-पुण्य को भी अपने कर्तव्य का हिस्सा बना रहे हैं।
इस महीने में कुछ खास वस्तुओं का दान विशेष फलदायी माना जाता है:
तांबे या चांदी के नाग-नागिन की जोड़ी: इन्हें शिव मंदिरों में दान करने से नकारात्मक प्रभावों से राहत मिलती है।
रुद्राक्ष का दान: सम्मान और आत्मिक संतुलन के लिए इसे गरीब या शिव भक्तों को भेंट करना शुभ माना जाता है।
चूड़ा-दही: इसे शिवलिंग पर अर्पित करने और जरूरतमंदों को देने से आर्थिक स्थिरता आती है।
चावल: विशेष रूप से सावन के सोमवार को वितरित चावल समृद्धि लाते हैं।
काले तिल: शनिवार को काले तिल का दान करने से शनि दोषों में कमी आती है।
गुड़: आर्थिक परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए इस मीठे पदार्थ का दान असरदार बताया गया है।
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