
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ प्लान ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी है। ट्रंप ने उन देशों पर भारी शुल्क लगाने की घोषणा की है जो अमेरिकी उत्पादों पर अधिक टैरिफ लगाते हैं। इस कदम के बाद जहां अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ा है, वहीं खुद अमेरिका में भी इसका विरोध शुरू हो गया है।
देशभर में ट्रंप और एलन मस्क के खिलाफ प्रदर्शन
शनिवार को अमेरिका के कई शहरों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। प्रदर्शनकारी ट्रंप और मशहूर उद्योगपति एलन मस्क के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इन रैलियों का उद्देश्य टैरिफ नीति, कर्मचारियों की छंटनी, अर्थव्यवस्था की स्थिति और मानवाधिकारों के उल्लंघन जैसे कई मुद्दों पर विरोध जताना था। प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप प्रशासन के कार्यकारी आदेशों की आलोचना करते हुए उन्हें आम जनता के हितों के खिलाफ बताया।
टैरिफ पर ट्रंप का दावा – 'यह अमेरिका के लिए एक सुंदर चीज'
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर पोस्ट करते हुए टैरिफ को अमेरिका के लिए “बहुत ही सुंदर चीज” करार दिया। उन्होंने लिखा, “हमारे पास चीन, यूरोपीय संघ और कई अन्य देशों के साथ बड़ा व्यापार घाटा है। इस समस्या का समाधान केवल टैरिफ से ही संभव है। ये पहले से ही असर दिखा रहे हैं और अमेरिका में अरबों डॉलर ला रहे हैं।” ट्रंप ने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में ये घाटे और ज्यादा बढ़े हैं, लेकिन वह इसे पलटने का इरादा रखते हैं।
शेयर बाजार में गिरावट पर ट्रंप ने दी सफाई
अमेरिका में स्टॉक मार्केट लगातार गिर रहा है, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ी है। लेकिन ट्रंप ने इसे लेकर चिंता जताने के बजाय इसे “इलाज” बताया। उन्होंने कहा, “मैं नहीं चाहता कि बाजार गिरे, लेकिन कभी-कभी सुधार के लिए दवा लेनी पड़ती है। टैरिफ एक कड़वा घूंट हो सकता है, लेकिन यह अमेरिका की दीर्घकालिक आर्थिक सेहत के लिए जरूरी है।” ट्रंप ने ये भी कहा कि विदेशी सरकारों को अमेरिकी टैरिफ हटवाने के लिए “बहुत सारा पैसा” देना होगा।
गौरतलब है कि अमेरिकी शेयर बाजार से हाल ही में करीब 6 ट्रिलियन डॉलर की वैल्यू समाप्त हो चुकी है, जिससे वैश्विक आर्थिक चिंता भी बढ़ी है। हालांकि ट्रंप इसे अमेरिका के आर्थिक पुनर्गठन का हिस्सा मानते हैं।
भारत समेत कई देशों पर टैरिफ का असर
हाल ही में ट्रंप ने भारत पर 26 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। उनके इस कदम से भारत के साथ-साथ चीन, मलेशिया, कनाडा, पाकिस्तान और वियतनाम जैसे देशों को भी झटका लगा है। इन टैरिफ का असर न सिर्फ व्यापार पर पड़ेगा, बल्कि अमेरिका में उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी की भी संभावना जताई जा रही है।
क्या ट्रंप की नीति अमेरिका को फायदा पहुंचाएगी?
ट्रंप का मानना है कि टैरिफ नीति से अमेरिका की घरेलू कंपनियों को मजबूती मिलेगी और विदेशी कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा। लेकिन आलोचकों का कहना है कि इससे वैश्विक व्यापार असंतुलित होगा, महंगाई बढ़ेगी और अमेरिकी उपभोक्ता प्रभावित होंगे।
अब देखना यह है कि ट्रंप की यह रणनीति उन्हें अगला चुनाव जीतने में कितनी मदद करती है, और क्या यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था को वाकई दीर्घकालिक लाभ दे पाएगी या फिर यह फैसला खुद अमेरिका पर ही भारी पड़ जाएगा।