Up Kiran, Digital Desk: विदेश जाकर पढ़ाई करना और एक शानदार करियर बनाना आज लाखों भारतीय युवाओं का सपना है। अच्छी यूनिवर्सिटी, शानदार डिग्री और फिर एक मोटी तनख्वाह वाली नौकरी... यह सब सुनने में बहुत अच्छा लगता है। लेकिन हकीकत यह है कि विदेशी धरती पर सिर्फ एक डिग्री आपकी सफलता की गारंटी नहीं है।
आज की ग्लोबल दुनिया में कंपनियाँ आपकी डिग्री के साथ-साथ आपके अंदर कुछ खास 'सॉफ्ट स्किल्स' भी ढूंढती हैं। ये वो स्किल्स हैं जो आपको नए माहौल में ढलने, अलग-अलग संस्कृतियों के लोगों के साथ काम करने और मुश्किल चुनौतियों का सामना करने में मदद करती हैं। अगर आपके पास ये स्किल्स नहीं हैं, तो एक अच्छी-खासी डिग्री भी आपको अपने करियर में आगे नहीं बढ़ा पाएगी।
तो, अगर आप भी विदेश में पढ़ाई करने का प्लान बना रहे हैं, तो एक्सपर्ट्स द्वारा बताई गईं इन 6 'मेक-या-ब्रेक' स्किल्स को आज ही अपनी डायरी में नोट कर लें:
1. अडैप्टेबिलिटी (नए माहौल में ढलने की कला)
आप एक नए देश, नए कल्चर और नए लोगों के बीच जा रहे हैं। वहां का खान-पान, रहन-सहन और काम करने का तरीका, सब कुछ भारत से अलग होगा। अगर आप इन बदलावों को अपना नहीं पाएंगे और हर बात पर शिकायत करते रहेंगे, तो आप कभी भी वहां सहज नहीं हो पाएंगे। जो छात्र नए माहौल को जल्दी अपनाते हैं, वे पढ़ाई और काम, दोनों में तेजी से आगे बढ़ते हैं।
2. कल्चरल इंटेलिजेंस (विभिन्न संस्कृतियों को समझना)
आपकी क्लास में और आपके वर्कप्लेस पर दुनिया के अलग-अलग कोनों से आए लोग होंगे। हर किसी का बात करने का तरीका, व्यवहार और मान्यताएं अलग होंगी। कल्चरल इंटेलिजेंस का मतलब है इन विभिन्नताओं का सम्मान करना और बिना किसी पूर्वाग्रह के सबके साथ मिलकर काम करना सीखें। यह स्किल आज की मल्टीनेशनल कंपनियों में सबसे ज़्यादा तलाशी जाती है।
3. नेटवर्किंग (लोगों से जुड़ने की कला)
यह सोचना बंद कर दें कि कोई आएगा और आपको नौकरी देकर जाएगा। आपको खुद बाहर निकलना होगा, लोगों से मिलना होगा, प्रोफेसर्स और इंडस्ट्री के लोगों से अच्छे संबंध बनाने होंगे। आपकी नेटवर्किंग स्किल्स जितनी अच्छी होंगी, आपको पढ़ाई के बाद नौकरी पाने और करियर में आगे बढ़ने के मौके भी उतने ही ज़्यादा मिलेंगे।
4. प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल्स (समस्या को सुलझाने की काबिलियत)
किताबों में लिखी थ्योरी और असल ज़िंदगी की समस्याओं में बहुत फर्क होता है। कंपनियाँ ऐसे लोगों को हायर करना चाहती हैं जो मुश्किल आने पर घबराएं नहीं, बल्कि उसका समाधान निकालें। विदेश में अकेले रहते हुए जब आप अपनी रोज़मर्रा की छोटी-बड़ी समस्याओं (जैसे बैंक अकाउंट खोलना या घर ढूंढना) को खुद हल करना सीखते हैं, तो आपकी यह स्किल अपने आप मजबूत हो जाती है।
5. फाइनेंशियल मैनेजमेंट (पैसे को संभालने का हुनर)
विदेश में पढ़ाई काफी महंगी होती है। आपको अपने सीमित बजट में रहना सीखना होगा - घर का किराया, फीस, खाना-पीना और बाकी खर्चे... सब कुछ खुद मैनेज करना होगा। अगर आप पैसों को सही ढंग से मैनेज करना नहीं सीखते, तो आप हमेशा तनाव में रहेंगे और आपकी पढ़ाई पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा।
6. कम्युनिकेशन स्किल्स (अपनी बात सही ढंग से रखने की कला)
इसका मतलब सिर्फ अच्छी अंग्रेज़ी बोलना नहीं है। इसका मतलब है अपनी बात को साफ-साफ और आत्मविश्वास के साथ दूसरों के सामने रखना, चाहे वो क्लास प्रेजेंटेशन हो या फिर जॉब इंटरव्यू। आपको ईमेल लिखना, लोगों से पेशेवर तरीके से बात करना, यह सब सीखना होगा।
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