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Up Kiran, Digital Desk: अगर आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं और वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपना आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आयकर विभाग ने ITR दाखिल करने की समयसीमा 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी है। हालांकि, अगर आप जल्दबाजी में कुछ छोटी-छोटी गलतियां करते हैं, तो आपका रिफंड अटक सकता है और आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कई लोगों ने 15 जून तक फॉर्म-16 मिलने के बाद अपना रिटर्न दाखिल करना शुरू कर दिया है, लेकिन गलतियों से बचना जरूरी है।

क्यों अटक जाता है आपका रिफंड, इन आम गलतियों से बचें

अगर आप अपना ITR दाखिल करने के बाद अपने रिफंड का इंतजार कर रहे हैं, तो आपके रिफंड में देरी होने के कई कारण हो सकते हैं। निम्नलिखित गलतियों की वजह से आपका रिफंड अटक सकता है।

बैंक खाता लिंक नहीं है: अगर आपके आयकर प्रोफ़ाइल में कोई सक्रिय बैंक खाता लिंक नहीं है, तो रिफंड ट्रांसफर नहीं होगा। यह सबसे आम कारण है।
बैंक खाता मान्य नहीं है: बैंक खाता जोड़ने के बाद, आपको इसे मान्य करना होगा। यदि आप इसे सत्यापित नहीं करते हैं, तो आपका रिफंड अटक सकता है।

बैंक खाता कैसे जोड़ें/सत्यापित करें

सबसे पहले, ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करें।
अपनी प्रोफ़ाइल पर जाएँ और 'बैंक खाता जोड़ें' विकल्प चुनें।
खाता संख्या, IFSC कोड और खाता प्रकार जैसी जानकारी सही से भरें।
फिर 'मान्य करें' पर क्लिक करके इसे सत्यापित करें।

यदि आपका बैंक खाता पहले से लिंक है और आप इसे अपडेट करना चाहते हैं, तो विवरण पर जाएँ और इसे अपडेट करें और फिर से सत्यापित करें।

TDS का मिलान न होना: यदि आपने अपने रिटर्न में अपने फॉर्म 26AS में दिखाए गए TDS से कम TDS (स्रोत पर कर कटौती) घोषित किया है, तो आपका रिफंड रोका जा सकता है। हमेशा फॉर्म 26AS में दी गई जानकारी के साथ TDS का मिलान करें।

गलत कटौती का दावा: यदि आपने आयकर अधिनियम की धारा 80C, 80D आदि के तहत आवश्यक कटौती से अधिक का दावा किया है, तो आपको आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है और आपका रिफंड अटक सकता है।

गणना में त्रुटि: यदि आप अपनी आय या कर की गणना करते समय मैन्युअल प्रविष्टि में कोई गलती करते हैं, तो आपका रिफंड अटक सकता है। इसलिए, गणना सावधानी से करें।

कुल मिलाकर यदि आप अपने खाते में त्वरित रिफंड चाहते हैं, तो ये महत्वपूर्ण है कि आप सही बैंक खाता जोड़ें और सभी विवरण सही और सटीक भरें। ITR दाखिल करने से पहले, जाँच लें कि आपके फॉर्म 26AS और AIS (वार्षिक सूचना विवरण - AIS) रिपोर्ट में TDS और आय मेल खाती है या नहीं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आपका रिफंड समय पर और बिना किसी परेशानी के प्राप्त होगा।

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