
Up Kiran, Digital Desk: दुर्गा पूजा का नाम आते ही मन में कोलकाता की भव्यता और उत्साह की तस्वीर उभर आती है, लेकिन इस साल हैदराबाद का सिटी बंगाली समिति (City Bangalee Samity - CBS) इस अनुभव को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए पूरी तरह तैयार है। लोअर टैंक बंड स्थित कीज हाई स्कूल में 18 से 23 अक्टूबर, 2025 तक आयोजित होने वाली यह 53वीं दुर्गा पूजा सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि तेलंगाना और पश्चिम बंगाल की जीवंत संस्कृतियों का एक अनूठा संगम होगी।
"जोमी ओ जॉय" (भूमि और विजय) - इस साल की थीम
इस वर्ष के उत्सव की थीम है "जोमी ओ जॉय," जिसका अर्थ है 'भूमि और विजय'। यह थीम इन दो समृद्ध सांस्कृतिक राज्यों के बीच एक पुल बनाने का प्रतीक है। समिति के अध्यक्ष बिनॉय कुमार बर्मन और महासचिव बिस्वजीत साहा ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य पारंपरिक पूजा-अनुष्ठानों को आधुनिक उत्सवों के साथ मिलाना है ताकि हर उम्र और पृष्ठभूमि के लोग इसका आनंद ले सकें।
क्या होगा इस 5-दिवसीय महोत्सव में खास?
सांस्कृतिक महासंगम: पंडाल में एक ही मंच पर तेलंगाना के प्रसिद्ध लोक नृत्य जैसे बोनम, ओग्गु डोलू और गुसाडी के साथ-साथ बंगाल के बाउल, छाऊ और गंभीरा का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिलेगा।
शांतिनिकेतन से आई इको-फ्रेंडली मूर्ति: इस साल देवी दुर्गा की मूर्ति विशेष रूप से शांतिनिकेतन के कलाकारों द्वारा पर्यावरण-अनुकूल सामग्री से बनाई गई है। मूर्ति को पारंपरिक बंगाली डोकरा और टेराकोटा के आभूषणों से सजाया जाएगा, जो इसे एक अनूठा और कलात्मक रूप देगा।
स्वाद का खजाना: उत्सव के पांचों दिन सभी भक्तों के लिए विशाल 'भोग' का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा, एक बड़ा फूड कोर्ट भी होगा जहां ऑथेंटिक बंगाली व्यंजनों जैसे माछेर झोल, मिष्टी दोई, और संदेश के साथ-साथ लजीज हैदराबादी और अन्य स्थानीय पकवानों का भी आनंद लिया जा सकेगा।
परंपरा और आधुनिकता का मेल: पूजा की शुरुआत पारंपरिक 'चोक्खू दान' (देवी की आंखों को चित्रित करना) और 'आनंदो मेला' (एक फूड कार्निवल) से होगी। इसके अलावा, युवाओं को आकर्षित करने के लिए फैशन शो, डांस प्रतियोगिताएं और रॉक बैंड प्रदर्शन जैसे आधुनिक कार्यक्रम भी होंगे।