
Up Kiran, Digital Desk: शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन (गुरुवार) इस बार अपने साथ एक अत्यंत दुर्लभ और शुभ संयोग लेकर आया है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, इस वर्ष तृतीया तिथि दो दिन रहने के कारण भक्तों को आज भी माँ चंद्रघंटा की कृपा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इससे भी बढ़कर, आज ही आश्विन मास की विनायक चतुर्थी भी है, जो इस दिन के महत्व को कई गुना बढ़ा देती है। यह एक ऐसा अद्भुत संयोग है जब भक्त एक ही दिन में माँ दुर्गा और उनके पुत्र भगवान गणेश, दोनों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
यह दिन उन लोगों के लिए विशेष रूप से फलदायी है जिनके जीवन में बाधाएं आ रही हैं या जिनके कार्य बनते-बनते बिगड़ जाते हैं। आइए, इस नवरात्रि के चौथे दिन के मुहूर्त, पूजन विधि, मंत्र और उपायों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
तिथि और शुभ मुहूर्त: एक दिन, दो देवों की पूजा
पंचांग के अनुसार, तृतीया तिथि आज सुबह 07:06 बजे तक ही रहेगी, जिसके बाद चतुर्थी तिथि लग जाएगी।
माँ चंद्रघंटा पूजा: चूँकि तृतीया तिथि सुबह तक प्रभावी है, इसलिए जो भक्त कल माँ चंद्रघंटा की पूजा नहीं कर पाए, वे आज सुबह 07:06 बजे से पहले उनकी आराधना कर सकते हैं।
विनायक चतुर्थी पूजा: चतुर्थी तिथि लगते ही भगवान गणेश की पूजा का विधान आरंभ हो जाएगा। विनायक चतुर्थी पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त दिन में 11:00 बजे से आरंभ होगा। इस मुहूर्त में की गई पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है और गणपति बप्पा अपने भक्तों के सभी विघ्नों को हर लेते हैं।
क्यों है यह दिन इतना खास? माँ दुर्गा और गणेश पूजा का महत्व
नवरात्रि में माँ दुर्गा की पूजा जहाँ शक्ति, साहस और दुखों से मुक्ति दिलाती है, वहीं भगवान गणेश को प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता माना जाता है। जब एक ही दिन इन दोनों की पूजा का संयोग बनता है, तो यह साधक के लिए वरदान के समान होता है। इस दिन व्रत और पूजन करने से कार्य केवल सिद्ध ही नहीं होते, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के द्वार खुल जाते हैं। माँ-बेटे की संयुक्त कृपा से जीवन में शुभता का आगमन होता है और सभी बाधाएं स्वतः ही समाप्त हो जाती हैं।
सावधान! आज चंद्रमा के दर्शन से लग सकता है झूठा कलंक
विनायक चतुर्थी की एक महत्वपूर्ण मान्यता यह है कि इस दिन चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति पर मिथ्या कलंक यानी झूठा आरोप लगने का भय रहता है। इसलिए, आज दिन भर और विशेषकर शाम के समय चंद्रमा की ओर देखने से बचें।
पूजा विधि और अचूक उपाय
गणेश पूजा: शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। उन्हें दूर्वा (दूब घास) अर्पित करें, जो उन्हें अत्यंत प्रिय है। सिंदूर का तिलक लगाएं और मोदक या लड्डुओं का भोग लगाएं। 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करें।
माँ चंद्रघंटा की आराधना: जो लोग सुबह पूजा कर रहे हैं, वे माँ चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं और उनके बीज मंत्र 'ऐं श्रीं शक्तयै नमः' का जाप करें।
बाधा निवारण उपाय: यदि कोई कार्य लंबे समय से अटका हुआ है, तो आज गणेश जी के सामने एक साबुत सुपारी और हल्दी की गांठ रखें और अपनी समस्या कहें। पूजा के बाद सुपारी और हल्दी को एक लाल कपड़े में बांधकर अपने पास रख लें।
यह दिन भक्ति और श्रद्धा के साथ माँ-पुत्र की आराधना का दिन है। इस दुर्लभ अवसर का लाभ उठाकर आप अपने जीवन की समस्त बाधाओं को दूर कर सकते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं।