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Up kiran,Digital Desk : आजकल भारत और चीन के बीच रिश्ते एक नाज़ुक मोड़ पर हैं। सिर्फ सीमा पर ही नहीं, बल्कि व्यापार के मैदान में भी कुछ ज़रूरी मसले हैं जिन्हें सुलझाने की ज़रूरत है। हाल ही में, भारत ने चीन से कहा है कि निर्यात को लेकर जो भी पुराने मुद्दे अटके हुए हैं, उन्हें अब जल्दी से जल्दी सुलझाया जाए।

क्या है पूरा मामला?

हमारे विदेश मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी, सुजीत घोष, चीन गए थे। वहां उन्होंने चीन के बड़े अधिकारियों से मुलाकात की। इस बातचीत में भारत ने साफ-साफ कहा कि कुछ ऐसी चीज़ें हैं जिनके निर्यात पर चीन ने रोक लगा रखी है, और ये चीज़ें भारत के लिए बहुत ज़रूरी हैं। इन पर लगी पाबंदियों को लेकर भारत काफी चिंतित है और चाहता है कि चीन इन पर दोबारा सोचे।

दोनों देशों के अधिकारियों के बीच ये बातचीत काफी अच्छी रही और भविष्य को ध्यान में रखकर की गई। दोनों तरफ से ये माना गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दिखाए रास्ते पर चलकर ही रिश्तों को बेहतर बनाया जा सकता है। कोशिश यही है कि आपसी संबंधों को फिर से पटरी पर लाया जाए और लोगों के बीच मेलजोल बढ़ाया जाए।

सुजीत घोष ने कहा कि भारत और चीन के रिश्ते बहुत मायने रखते हैं। भारत चाहता है कि चीन के साथ मिलकर आपसी बातचीत और सहयोग को फिर से शुरू किया जाए ताकि दोनों देशों के रिश्ते और मज़बूत हों और विकास की रफ्तार बनी रहे।

ये कदम दिखाता है कि भारत सिर्फ अपनी सीमाओं को लेकर ही नहीं, बल्कि अपने व्यापार और अर्थव्यवस्था को लेकर भी बहुत गंभीर है और अपने हितों के लिए आवाज़ उठाने से पीछे नहीं हटेगा। अब देखना ये है कि चीन इस पर क्या कदम उठाता है।