Up Kiran, Digital Desk: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कड़ा बयान दिया है। उन्होंने भाजपा की राजनीति को आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी की निर्णय प्रक्रिया बहुत ही कठोर और केंद्रीयकृत है, जबकि कांग्रेस ने हमेशा ज्यादा लचीली और संवादात्मक शैली अपनाई है।
पार्टी में नेतृत्व की ओर से अनदेखी
अमरिंदर सिंह ने भाजपा की नीति पर असंतोष जताया और बताया कि पार्टी के भीतर जमीनी नेताओं की राय या सलाह को कभी महत्व नहीं दिया जाता। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा में वह भी 60 साल से अधिक समय से सक्रिय हैं, लेकिन उनके अनुभव का कोई प्रभाव पार्टी नेतृत्व पर नहीं पड़ा।
अमरिंदर ने कहा कि सभी बड़े फैसले दिल्ली में ही होते हैं, पार्टी में मुझसे कभी किसी ने सलाह नहीं ली, कोई सुनता ही नहीं। उनका यह बयान यह दर्शाता है कि पार्टी के निर्णय लेने की प्रक्रिया में जमीनी स्तर पर किसी की भी सुनवाई नहीं होती।
कांग्रेस में वापसी का सवाल नहीं
जब इस बात की चर्चा हुई कि क्या वह भाजपा छोड़ने पर विचार कर रहे हैं, तो अमरिंदर सिंह ने साफ तौर पर इसे नकारते हुए कहा कि कांग्रेस में वापसी के बारे में कोई सवाल ही नहीं उठता। उनका दर्द यह था कि उन्हें जिस तरह से मुख्यमंत्री पद से हटाया गया, वह अभी भी उनकी यादों में ताजा है।
अमरिंदर ने कहा कि कांग्रेस में वापसी की बात करना बेमानी है। जिस तरह से मुझे पद से हटाया गया, वह आज भी मुझे पीड़ा देता है।
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