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Up Kiran, Digital Desk: बांग्लादेश की सियासत में एक बड़ा भूचाल आया है। मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने शनिवार शाम को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया। इस फैसले ने न सिर्फ बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया है बल्कि ये अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी ध्यान आकर्षित कर रहा है।
क्या है इस फैसले का कारण
यूनुस सरकार का कहना है कि ये कदम देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए उठाया गया है। अवामी लीग और उसके नेताओं के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) में चल रही सुनवाई के मद्देनजर ये प्रतिबंध लागू किया गया है। सरकार का ये भी कहना है कि ये कदम 2024 के जुलाई में होने वाले आंदोलन के नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। साथ ही ये फैसला उन शिकायतकर्ताओं और गवाहों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है जो इस मुकदमे में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
अवामी लीग पर प्रतिबंध का क्या प्रभाव पड़ेगा
इस प्रतिबंध का बांग्लादेश की राजनीति पर क्या असर होगा अवामी लीग जो बांग्लादेश की सबसे बड़ी और प्रभावशाली पार्टी मानी जाती है के खिलाफ ये कदम सरकार की ताकत और दृढ़ता को प्रदर्शित करता है। हालांकि अवामी लीग के समर्थक इस फैसले को राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देख सकते हैं लेकिन सरकार का कहना है कि ये फैसला केवल देश की सुरक्षा और न्याय की प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति में ये कदम क्या संकेत दे रहा है
ये फैसला न केवल बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति में हलचल मचाएगा बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। अवामी लीग जो कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी है ने लंबे समय तक देश की राजनीति में अपनी अहम भूमिका निभाई है। इस पर प्रतिबंध का मतलब है कि बांग्लादेश में सरकार और विपक्ष के बीच सत्ता संघर्ष और भी गहरा सकता है।
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