Up Kiran, Digital Desk: नवरात्रि के नौ दिन माँ दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा के लिए समर्पित हैं.हर दिन का अपना एक अलग महत्व और अपनी एक अलग कहानी है. इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे नवरात्रि के आठवें दिन की, जिसे महाअष्टमी भी कहा जाता है. इस दिन माँ दुर्गा के आठवें स्वरुप, माँ महागौरी की पूजा की जाती है. कहते हैं कि माँ महागौरी की पूजा करने से भक्तों के सभी पाप धुल जाते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है.
कौन हैं माँ महागौरी?जैसा कि नाम से ही पता चलता है, माँ महागौरी का रंग एकदम गोरा है, शंख, चंद्रमा और चमेली के फूल की तरह. एक पौराणिक कथा के अनुसार, माँ पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी, जिसकी वजह से उनका शरीर काला पड़ गया था. जब भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए, तो उन्होंने माँ पार्वती के शरीर को गंगाजल से धोया, जिससे उनका शरीर फिर से गोरा हो गया और तभी से उन्हें महागौरी कहा जाने लगा.
माँ महागौरी बैल पर सवार होती हैं और उनके चार हाथ हैं. उनके एक हाथ में त्रिशूल, एक में डमरू है और बाकी के दो हाथ अभय और वरद मुद्रा में हैं, जो भक्तों को आशीर्वाद देते हैं.
कैसे करें माँ महागौरी की पूजा?
महाअष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और साफ़ कपड़े पहनें.माँ महागौरी को सफ़ेद रंग बहुत पसंद है, इसलिए अगर हो सके तो इस दिन सफ़ेद या गुलाबी रंग के कपड़े पहनें. पूजा के लिए एक साफ़ चौकी पर माँ महागौरी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें. माँ को सफ़ेद फूल, खासकर मोगरा, बेला या चमेली के फूल चढ़ाएं, क्योंकि ये उनके पसंदीदा फूल हैं.
इसके बाद माँ को रोली, कुमकुम और धूप-दीप दिखाएं. भोग में माँ को नारियल या नारियल से बनी मिठाई, जैसे नारियल की बर्फी या लड्डू का भोग लगाएं. आप हलवा-पूड़ी और काले चने का भोग भी लगा सकते हैं. पूजा के आखिर में माँ महागौरी की आरती करें और उनसे अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करें.
क्यों ज़रूरी है कन्या भोज: महाअष्टमी के दिन कन्या भोज या कन्या पूजन का भी बहुत बड़ा महत्व है. इस दिन 2 से 10 साल की उम्र की नौ कन्याओं को घर पर बुलाकर उन्हें खाना खिलाया जाता है. ]इन कन्याओं को माँ दुर्गा का ही रूप माना जाता है. भोजन कराने के बाद कन्याओं के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया जाता है और उन्हें अपने सामर्थ्य के अनुसार तोहफे दिए जाते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से माँ दुर्गा प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है.
महाअष्टमी का दिन सिर्फ एक पूजा का दिन नहीं, बल्कि अपनी भक्ति और श्रद्धा को माँ के चरणों में अर्पित करने का दिन है. तो आप भी इस महाअष्टमी पर माँ महागौरी की पूजा करें और कन्या भोज कराकर माँ का आशीर्वाद पाएं.
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