
Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम बंगाल राज्य सचिवालय (West Bengal State Secretariat) में इस साल समुदाय दुर्गा पूजा समितियों (community Durga Puja committees) के लिए वार्षिक अनुदान (annual grant) बढ़ाने की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) की हालिया घोषणा के बाद राज्य के खजाने (state exchequer) पर पड़ने वाले सटीक वित्तीय बोझ (financial burden) को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
यह भ्रम उन समुदाय दुर्गा पूजा समितियों की सटीक संख्या से पैदा हुआ है जो राज्य-प्रायोजित अनुदानों की हकदार होंगी, क्योंकि विरोधाभासी आंकड़े सामने आ रहे हैं। जहां पश्चिम बंगाल में विभिन्न समुदाय दुर्गा पूजा समितियों (community Durga Puja committees) का एक छत्र संगठन "फोरम फॉर दुर्गात्सव" (Forum for Durgotsav) ने यह संख्या 43,000 बताई है, वहीं मुख्यमंत्री ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपनी घोषणा में कहा था कि इस साल कुल 45,000 समुदाय दुर्गा पूजा समितियों को अनुदान मिलेगा। मुख्यमंत्री ने यह आंकड़ा तब बताया जब उन्होंने घोषणा की कि इस साल प्रत्येक पूजा समिति (Puja committee) को दी जाने वाली वार्षिक सहायता राशि पिछले साल के ₹85,000 से बढ़ाकर ₹1.10 लाख की जाएगी।
राजकोष पर अनुमानित वित्तीय बोझ : यदि इस वर्ष लाभार्थी पूजा समितियों (beneficiary Puja Committees) की संख्या 45,000 है, जैसा कि मुख्यमंत्री ने खुद बताया है, तो राज्य के खजाने से कुल सीधा भुगतान ₹495 करोड़ होगा, जो पिछले साल के ₹365.5 करोड़ के आंकड़े से 35 प्रतिशत अधिक है। यदि इस वर्ष लाभार्थी पूजा समितियों की संख्या 43,000 भी है, जैसा कि "फोरम फॉर दुर्गात्सव" के रिकॉर्ड के अनुसार है, तो राज्य के खजाने से कुल सीधा भुगतान ₹473 करोड़ होगा, जो पिछले साल के ₹365.5 करोड़ की तुलना में 29 प्रतिशत अधिक है।
राज्य वित्त विभाग (state finance department) के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि जबकि ऊपर उल्लिखित आंकड़े राज्य के खजाने से केवल सीधा भुगतान होंगे, वार्षिक सहायता के अतिरिक्त लाभार्थी पूजा समितियों को प्रदान की जाने वाली massive 80 प्रतिशत बिजली रियायत (80 percent electricity concessions) को देखते हुए वास्तविक व्यय बहुत अधिक होगा।
विपक्ष का हमला और अपील: विपक्षी दलों (Opposition parties) ने पहले ही इस बढ़े हुए पूजा सहायता वृद्धि (Puja dole hike) पर राज्य सरकार पर हमला बोला है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता, शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में समुदाय दुर्गा पूजा समितियों (community Durga Puja Committees) से सरकार से वार्षिक सहायता स्वीकार नहीं करने की अपील की।
उन्होंने उनसे ऐसा पिछले अगस्त में आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (R.G. Kar Medical College and Hospital) परिसर में बलात्कार और हत्या का शिकार हुई युवा महिला डॉक्टर की याद में, और राज्य में लाखों बेरोजगार युवाओं (lakhs of unemployed youth) के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए करने का आग्रह किया, जिनकी आकांक्षाओं को, उनके आरोप के अनुसार, दोषपूर्ण सरकारी नीतियों (flawed government policies) ने कुचल दिया है।
गौरतलब है कि शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने दुर्गा पूजा अनुदान में बढ़ोतरी को 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले एक "चुनावी उपहार" बताया है। उन्होंने यह भी मांग की है कि सरकार को पूजा समितियों को अनुदान देने से पहले लोगों को महंगाई भत्ता (DA) और नौकरियां देनी चाहिए। इन आलोचनाओं के जवाब में, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा है कि यह एक त्योहार है और सरकार को इसे समर्थन क्यों नहीं देना चाहिए
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