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Up Kiran, Digital Desk: कुछ दिन पहले ही पता चला था कि एक व्यक्ति ने गाजियाबाद में फर्जी दूतावास खोलकर जमकर लूटपाट मचाई थी। उसके पास से 44 लाख रुपये, राजनयिक पासपोर्ट, 34 स्टाम्प, गाड़ियाँ, पासपोर्ट और घड़ियाँ बरामद की गईं। उसका नाम हर्षवर्धन जैन है और उसे गाजियाबाद ले जाया गया। अब उससे पूछताछ की जा रही है। रोज़ नए खुलासे हो रहे हैं। जैन के बारे में पता चला है कि उसने 10 सालों में 162 बार विदेश यात्राएँ कीं। उसने वहाँ कंपनियाँ स्थापित कीं और उनका इस्तेमाल दलाली के लिए किया।
उसने ULA के लिए सबसे ज़्यादा 54 बार और UKLA के लिए 22 बार विदेश यात्राएँ कीं। अब तक 25 कंपनियों और 20 बैंक खातों की जानकारी सामने आई है। अधिकारियों का दावा है कि वह हवाला कारोबार में शामिल था।
कई बड़े लोगों से मुलाकात
मिली जानकारी के मुताबिक, वह अपने धंधे में तांत्रिक गुरु चंद्रास्वामी के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा था। इसी नेटवर्क के ज़रिए उसने विदेशों में गहरी जड़ें जमा ली थीं। तकनीकी गुरु ने ही उसे अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्कर अदनान खशोगी से भी मिलवाया था। इसके अलावा, तकनीकी गुरु के ज़रिए ही उसकी मुलाक़ात विदेशों में कई बड़े नामों से हुई। एसटीएफ की टीमें उसके साथ हुई मुलाक़ातों की जानकारी भी जुटा रही हैं।
लंदन में कई कंपनियाँ बनाईं
2000 में हर्षवर्धन जैन चंद्रास्वामी के संपर्क में आए। चंद्रास्वामी ने लंदन में हर्षवर्धन का परिचय अदनान और एहसान से कराया। एहसान के साथ मिलकर हर्षवर्धन ने लंदन में एक दर्जन से ज़्यादा कंपनियाँ स्थापित कीं, जिनका इस्तेमाल दलाली के लिए किया जाता था। 2006 में हर्षवर्धन दुबई में बस गए। दुबई में हर्षवर्धन की मुलाक़ात शफ़ीक़ और इब्राहिम से हुई। शफ़ीक़ और इब्राहिम के साथ मिलकर हर्षवर्धन ने दुबई में कई कंपनियाँ स्थापित कीं। इसके अलावा, उन्होंने दूसरे देशों में भी कंपनियाँ स्थापित कीं।
यूएई की 54 बार और यूके की 22 बार यात्रा की
एसटीएफ अधिकारियों ने हर्षवर्धन की विदेश यात्राओं की भी जानकारी जुटाई है। प्राप्त पासपोर्ट रिकॉर्ड के अनुसार, उसने 2005 से 2015 के बीच 10 वर्षों में 162 बार विदेश यात्रा की। इस दौरान उसने 19 देशों का दौरा किया। वह सबसे ज़्यादा 54 बार संयुक्त अरब अमीरात गया। इसके अलावा, उसने 22 बार ब्रिटेन का दौरा किया।
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