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नई दिल्ली। एमएसपी की गारंटी और कर्ज माफ़ी समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर किसान एक सप्ताह से बॉर्डर पर डटे हुए हैं। तमाम दिक्कतों के बावजूद किसानों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं। केंद्र सरकार के रवैये पर किसान अंसतोष जता रहे हैं। किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार समय निकालने के लिए उलझा रही है। बॉर्डर पर डटे किसान अब अपने नेताओं के इशारे का इंतजार कर रहे हैं।  इशारा मिलते ही वे दिल्ली कूच करेंगे।

सबसे संवेदनशील माने जा रहे शंभू बॉर्डर पर हालात शांतिपूर्ण हैं। किसी को भी बाॅर्डर से आगे जाने नहीं दिया जा रहा था। वहीँ आज मंच से नेताओं ने भाषण करके किसानों में जोश भरा। किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र की ओर से दिए प्रस्वाव पर माहिरों के साथ विचार-चर्चा जारी है। नेताओं ने कहा कि जब मांग 23 फसलों पर एमएसपी देने की है, तो फिर दालों, कपास व मक्की पर एमएसपी पांच वर्षों के लिए ठेके पर देने का प्रस्ताव कैसे मान सकते हैं। 

मौसम प्रतिकूल होने के बावजूद गांवों से बड़ी तादाद में लोग लंगर लेकर शंभू बाॅर्डर पर पहुंचे रहे हैं। किसान सतविंदर सिंह का कहना है कि बैठकें करके केंद्र सरकार बस समय निकाल रही है। लेकिन किसान भी अटल है और हकों की प्राप्ति करके ही पीछे हटेगा। किसान नेताओं की बैठक केंद्र की ओर से दिए ऑफर पर विचार करने के लिए चल रही हैं। यदि सरकार किसानों की वाजिब मांगें नहीं मानती तो वे दिल्ली में प्रवेश के लिए तैयार हैं। 
 

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