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Zika virus: दक्षिणी राज्य कर्नाटक में जीका वायरस और डेंगू के केस बढ़ रहे हैं, जिसकी वजह मौजूदा मानसून की स्थिति है। शिवमोगा में गुरुवार को एक 74 वर्षीय व्यक्ति की संदिग्ध जीका वायरस संक्रमण से जान चली गई। संभवतः ये इस साल राज्य में जीका वायरस संक्रमण के कारण हुई पहली संदिग्ध मौत है।

एक जाने माने डॉक्टर ने बताया कि "बुजुर्गों में ज़ीका वायरस संक्रमण कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण अधिक गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। उनमें गुइलेन-बैरे सिंड्रोम जैसी न्यूरोलॉजिकल समस्याएँ विकसित होने का जोखिम ज्यादा होता है, जो मांसपेशियों में कमज़ोरी और पक्षाघात का सबब बनता है। इसके अलावा बुज़ुर्गों में पहले से मौजूद स्वास्थ्य संबंधी स्थितियाँ ज़ीका वायरस के लक्षणों की गंभीरता को बढ़ा सकती हैं।"

रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, जीका वायरस रोग एक उभरता हुआ मच्छर जनित वायरस है, जिसकी पहली बार 1947 में युगांडा में पहचान की गई थी। जीका वायरस से खुद को बचाने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक है घर के अंदर और बाहर मच्छरों के काटने से बचना खासतौर से सूर्योदय से सूर्यास्त तक जब मच्छर सबसे ज्यादा एक्टिव होते हैं।

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