Up Kiran, Digital Desk: चक्रवाती तूफान 'मोंथा' ने दक्षिण भारत के दो तेलुगु राज्यों, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भारी तबाही मचाई है. एक गंभीर चक्रवाती तूफान से बदलकर अब यह कमजोर पड़ चुका है, लेकिन अपने पीछे बर्बादी का एक ऐसा मंजर छोड़ गया है, जिससे उबरने में लोगों को लंबा वक्त लगेगा. तेलंगाना में इसका असर अप्रत्याशित रूप से बहुत ज़्यादा देखने को मिला, जहाँ कई जिलों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं
तेलंगाना में जल प्रलय जैसे हालात
तेलंगाना के वारंगल, नलगोंडा और महबूबनगर जैसे जिले मूसलाधार बारिश की चपेट में हैं, जिससे निचले इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं.सबसे ज़्यादा बुरी हालत वारंगल की है, जहाँ की तस्वीरों को देखकर लग रहा है मानो पूरा शहर ही पानी में डूब गया हो. कई गांवों में नाले और तालाब उफान पर हैं, जिससे सड़कों पर पानी भर गया है और यातायात ठप हो गया है. हनमकोंडा जिले के भीमदेवरापल्ली में सबसे ज़्यादा 41.2 सेंटीमीटर की भारी बारिश दर्ज की गई, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
मौसम विभाग ने आदिलाबाद, कोमाराम भीम, मंचेरियल, जयशंकर भूपालपल्ली और मुलुगु जिलों के लिए 'येलो अलर्ट' जारी करते हुए गुरुवार को भी भारी बारिश की आशंका जताई है
किसानों के सपनों पर फिरा पानी: इस आसमानी आफत की सबसे बड़ी मार किसानों पर पड़ी है. हजारों एकड़ में लहलहाती फसलें पानी में डूब चुकी हैं, जिससे किसानों की साल भर की मेहनत बर्बाद हो गई है. अपनी आंखों के सामने अपनी मेहनत को बर्बाद होते देख किसान बेबस और परेशान हैं.
आंध्र प्रदेश में भी जारी है असर आंध्र प्रदेश में भी चक्रवात 'मोंथा' का प्रभाव बना हुआ है. श्रीकाकुलम, विजयनगरम, विशाखापत्तनम, चित्तूर और तिरुपति समेत कई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है.आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि भारी बारिश के कारण तालाब और नहरें उफान पर हैं और उनका पानी सड़कों पर बह रहा है. अधिकारियों ने लोगों से ऐसे बाढ़ वाले रास्तों को पार करने की कोशिश न करने की अपील की है. साथ ही, निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अगले दो दिनों तक सतर्क रहने और किसी भी आपात स्थिति में कंट्रोल रूम के टोल-फ्री नंबरों पर संपर्क करने की सलाह दी है.
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