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Up Kiran, Digital Desk: हफ्ते के पहले ही दिन, सोमवार को भारतीय शेयर बाज़ार बुरी तरह लड़खड़ा गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चीन को "और सख्त" टैरिफ़ लगाने की चेतावनी के बाद दुनिया भर के एशियाई बाज़ारों में आई कमज़ोरी का सीधा असर भारत पर भी पड़ा और बाज़ार खुलते ही धड़ाम हो गया।

इस घबराहट के माहौल में निवेशकों ने हर सेक्टर में जमकर बिकवाली की, जिससे बाज़ार में चौतरफा गिरावट देखी गई।

जब बाज़ार खुला तो सेंसेक्स 223 अंक (0.27%) गिरकर 82,278 पर और निफ्टी 105 अंक (0.42%) फिसलकर 25,180 पर खुला।

बाज़ार के जानकारों का मानना है कि इस हफ़्ते निफ्टी के लिए 25,460 का लेवल छूना मुश्किल हो सकता है और जैसे-जैसे हफ़्ता आगे बढ़ेगा, बाज़ार में और ज़्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि 25,230 पर निफ्टी को पहला सपोर्ट है, लेकिन अगर यह 25,113 से नीचे गया तो और गिरावट आ सकती है।

हालांकि, बाज़ार खुलने के बाद बिकवाली का दबाव और भी ज़्यादा बढ़ गया। सुबह करीब 9:34 बजे, सेंसेक्स 422.88 अंक (0.51%) टूटकर 82,077.94 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ़्टी 121.85 अंक (0.48%) गिरकर 25,163.50 पर आ गया था।

बड़े शेयरों के साथ-साथ छोटे और मंझोले शेयरों में भी गिरावट रही। निफ़्टी मिडकैप इंडेक्स 0.5% और निफ़्टी स्मॉलकैप इंडेक्स 0.64% तक लुढ़क गया।

आज सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। सबसे ज़्यादा गिरावट आईटी इंडेक्स में आई, जो 0.9% तक टूट गया। इसके बाद मेटल इंडेक्स में 0.69% की गिरावट रही।

बाज़ार विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव और व्यापारिक संबंधों को लेकर अनिश्चितता ने दुनिया भर के निवेशकों का भरोसा कमज़ोर कर दिया है, जिसका असर हम देख रहे हैं।

इस गिरावट के बीच एक अच्छी बात यह है कि विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) भारतीय बाज़ार में लगातार खरीदारी कर रहे हैं। विश्लेषकों के मुताबिक, “पिछले चार कारोबारी दिनों में FIIs ने 3,289 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं, जिससे बाज़ार को थोड़ा सहारा मिला हुआ था।”