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Up Kiran, Digital Desk: हल्द्वानी के वनभूलपुरा इलाके में रेलवे की जमीन पर बने हजारों घरों का भविष्य बुधवार को सुप्रीम कोर्ट तय करेगा। इस एक फैसले से करीब 50 हजार लोगों की जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा। तनाव इतना है कि पूरा क्षेत्र छावनी बना दिया गया है। लोग मस्जिदों में दुआ कर रहे हैं कि किसी का आशियाना न उजड़े।

घर उजड़ने के डर से दुआएं मांग रहे लोग

सपा नेता और उत्तराखंड प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी ने लोगों से अपील की है कि कोर्ट का जो भी फैसला आए उसे शांति से कबूल करें। उन्होंने कहा कि खुशी या गुस्से का इजहार न करें बल्कि दुआ करें कि किसी का घर न टूटे। अगर हटाने का आदेश आता है तो पुनर्वास की व्यवस्था भी हो। मस्जिदों में लोगों की भीड़ बढ़ गई है। हर कोई बस एक ही प्रार्थना कर रहा है – घर बचे रहें।

इलाके को बनाया गया किला, जीरो जोन घोषित

प्रशासन ने कोई रिस्क नहीं लिया है। वनभूलपुरा का मुख्य इलाका जीरो जोन घोषित कर दिया गया। पुलिस और पीएसी के अलावा रेलवे के बरेली, गोरखपुर, बनारस मंडल से अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई है। मंगलवार को भारी हथियारों और सुरक्षा कवच से लैस जवानों ने गफूर बस्ती, इंद्रानगर, लाइन नंबर 8 से 17 तक फ्लैग मार्च निकाला। रेलवे स्टेशन से लेकर थाने तक हर गली में जवान तैनात हैं। पूरे जिले को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

माहौल बिगाड़ने वालों पर कड़ी नजर

पुलिस ने पहले से ही एहतियात बरतते हुए बिलाल मस्जिद के इमाम मोहम्मद आसिम कासमी सहित 15 लोगों को निजी मुचलके पर पाबंद कर दिया है। पिछले हिंसा के 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसपी सिटी मनोज कत्याल ने कहा कि पिछले 24 घंटे से उन लोगों पर खास निगरानी है जो अफवाह फैला सकते हैं या तनाव बढ़ा सकते हैं।

रेलवे का दावा – 4365 घर अतिक्रमण में

रेलवे का कहना है कि 4365 मकान उसकी जमीन पर अवैध रूप से बने हैं। वहीं स्थानीय लोग इसे अतिक्रमण नहीं मानते। उनका कहना है कि दशकों से वे यहीं बसे हैं। अब सबकी नजर कोर्ट के फैसले पर टिकी है।

अफवाहों से बचें, शांति बनाए रखें: डीएम

जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अफवाह पर यकीन न करें। एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट और एसडीएम ने मंगलवार को पैदल गश्त कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। रेलवे के वरिष्ठ संरक्षा आयुक्त पवन श्रीवास्तव भी मौके पर पहुंचे और फोर्स को जरूरी दिशा दिए।

लोग बस यही उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कोर्ट कोई ऐसा रास्ता निकाले जिसमें न घर टूटें और न ही किसी को बेघर होना पड़े।