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Up Kiran, Digital Desk:  भारतीय तीरंदाजी (Archery) के लिए आज का दिन एक बहुत बड़ी खुशखबरी लेकर आया है। मेक्सिको में चल रहे तीरंदाजी विश्व कप फाइनल में भारत के धुरंधरों ने ऐसा कमाल कर दिखाया है, जिससे देश के लिए कम से कम दो और सिल्वर मेडल पक्के हो गए हैं। भारत की पुरुष रिकर्व टीम और महिला कंपाउंड टीम, दोनों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में अपनी जगह बना ली है।

पुरुषों का सामना अब 'तीरंदाजी के किंग' कोरिया से

भारत की पुरुष रिकर्व टीम, जिसमें अनुभवी तरुणदीप राय के साथ युवा जोश से भरे धीरज बोम्मदेवरा और तुषार शेलके शामिल हैं, ने सेमीफाइनल में स्पेन को एकतरफा मुकाबले में हराकर फाइनल का टिकट कटाया। अब गोल्ड मेडल के लिए उनका सामना उस टीम से होगा, जिसे तीरंदाजी का 'किंग' माना जाता है - दक्षिण कोरिया। यह मुकाबला बेहद रोमांचक होने की उम्मीद है, जहां भारत के तीरंदाज एक नया इतिहास रचने के इरादे से उतरेंगे।

सांसें रोक देने वाले मुकाबले में जीतीं भारत की बेटियां!

असली रोमांच और थ्रिल तो महिला कंपाउंड टीम के सेमीफाइनल मैच में देखने को मिला। ज्योति सुरेखा वेन्नम, अदिति स्वामी और परनीत कौर की हमारी तिकड़ी का मुकाबला मेजबान देश, यानी मेक्सिको की टीम से था।

यह मैच इतना कांटे का था कि स्कोर बराबर हो गया और नतीजा निकालने के लिए 'शूट-ऑफ' का सहारा लेना पड़ा। इस शूट-ऑफ में जब हर एक तीर पर सबकी सांसें अटकी हुई थीं, तब भारत की इन शेरनियों ने गजब का संयम दिखाया। उन्होंने एक भी निशाना नहीं चूका और परफेक्ट 30 का स्कोर बनाकर मेजबान टीम को उसी के घर में हरा दिया। यह जीत दिखाती  हमारी महिला टीम कितनी मजबूत है। अब फाइनल में उनका मुकाबला डेनमार्क की टीम से होगा।

ब्रॉन्ज पर भी है नजर

भारत के लिए खुशी यहीं खत्म नहीं होती। पुरुष कंपाउंड टीम और महिला रिकर्व टीम भी कांस्य पदक (Bronze Medal) के लिए मुकाबला करेंगी। इसका मतलब है कि भारत इस विश्व कप से खाली हाथ नहीं लौटेगा।

अब सबकी निगाहें फाइनल मुकाबलों पर टिकी हैं, जहां हमारे खिलाड़ी सिल्वर को सोने में बदलने के लिए अपना पूरा जोर लगा देंगे। यह प्रदर्शन दिखाता है कि भारत अब तीरंदाजी की दुनिया में एक नई महाशक्ति बनकर उभर रहा है।