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Up Kiran, Digital Desk: झारखंड की राजनीति से एक बड़ी ख़बर सामने आ रही है. राज्य की विधानसभा ने पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी नेता शिबू सोरेन को 'भारत रत्न' देने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पास किया है. यह प्रस्ताव सदन में सर्वसम्मति से पारित किया गया.

किसने रखा प्रस्ताव :यह प्रस्ताव खुद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में रखा. हेमंत सोरेन, शिबू सोरेन के बेटे हैं. प्रस्ताव रखते हुए उन्होंने अपने पिता को "एक महान क्रांतिकारी, आंदोलनकारी और अलग झारखंड राज्य का सपना देखने वाला" बताया. उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन ने अपना पूरा जीवन आदिवासियों, दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते हुए बिताया.

क्यों हैं शिबू सोरेन इतने ख़ास?

शिबू सोरेन को झारखंड में "गुरुजी" के नाम से जाना जाता है. वह तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं. लेकिन उनकी असली पहचान एक बड़े सामाजिक नेता और झारखंड आंदोलन के जनक के रूप में है. 

उन्होंने 1970 के दशक में महाजनी प्रथा के ख़िलाफ़ एक बड़ा आंदोलन चलाया और अलग झारखंड राज्य की स्थापना के लिए दशकों तक संघर्ष किया. उन्हीं के प्रयासों का नतीजा था कि साल 2000 में झारखंड एक अलग राज्य बना.