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Up Kiran, Digital Desk: रविवार को हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर भगदड़ मचने से कुछ देर के लिए स्थिति बेहद गंभीर हो गई। जब हादसा हुआ, तो सरकारी मदद घटनास्थल तक पहुंचने में आधे घंटे की देरी हो गई, जिससे घायलों को तुरंत इलाज मिलना मुश्किल हो गया। बावजूद इसके, स्थानीय लोगों और शहर कोतवाली पुलिस की तत्परता ने स्थिति को नियंत्रित किया और घायलों को तत्काल मदद मिल सकी।

स्थानीय लोगों की तत्परता ने बढ़ाई राहत

घटना के तुरंत बाद, हरिद्वार कोतवाली की पुलिस टीम और आसपास के स्थानीय निवासी घायल श्रद्धालुओं को घटनास्थल से नीचे उतारने में जुट गए। इस दौरान, उन्होंने एंबुलेंस का इंतजार नहीं किया और घायल व्यक्तियों को पैदल ही अस्पतालों तक भेजने का इंतजाम किया। जबकि पुलिस प्रशासन के कर्मचारी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए काम कर रहे थे, स्थानीय युवकों ने अपनी मोटरसाइकिल और स्कूटर के जरिए घायलों को ब्रह्मपुरी तक पहुंचाया, जहां से उन्हें और ज्यादा सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।

एसडीआरएफ और प्रशासनिक टीमों की देरी

जहां एक ओर स्थानीय लोग राहत कार्यों में जुटे हुए थे, वहीं प्रशासनिक टीमों को ऊपरी पहाड़ी तक पहुंचने में खासा समय लग गया। एसडीआरएफ की टीम ने बाद में घटनास्थल पर पहुंचकर पहाड़ी के आसपास सर्च अभियान चलाया, लेकिन पहाड़ पर स्थित मंदिर तक पहुंचने में भारी दिक्कतें आईं। प्रशासन की देरी से घटनास्थल पर स्थिति और गंभीर हो सकती थी, लेकिन स्थानीय समुदाय के सहयोग से आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सका।

ट्रैफिक और बैटरी रिक्शा की मदद से हुई राहत

घायलों को नीचे लाने के बाद, उन्हें विभिन्न चिकित्सा केंद्रों में भेजने के लिए रिक्शा, बैटरी रिक्शा और ऑटो की मदद ली गई। शहर के विभिन्न अस्पतालों में घायलों को प्राथमिक उपचार दिया गया। मेला अस्पताल और जिला अस्पताल सहित अन्य स्थानों पर घायलों को भेजने का काम बड़े पैमाने पर किया गया, जिससे उनकी जान बचाई जा सकी।

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